सेवानिवृत्त कर्मचारी की पेंशन से 50 प्रतिशत से अधिक कटौती ना करने के आदेश, जानें कोर्ट ने क्यों सुनाया ये फैसला

retired employee's pension: कर्नाटक: अदालत का सेवानिवृत्त कर्मचारी की पेंशन से 50 प्रतिशत से अधिक कटौती ना करने का आदेश

सेवानिवृत्त कर्मचारी की पेंशन से 50 प्रतिशत से अधिक कटौती ना करने के आदेश, जानें कोर्ट ने क्यों सुनाया ये फैसला
Modified Date: March 28, 2025 / 04:40 pm IST
Published Date: March 28, 2025 3:35 pm IST
HIGHLIGHTS
  • पेंशनभोगियों की आजीविका की सुरक्षा करने वाले नियमों का पालन
  • पूरी पेंशन छोड़ने के लिए मजबूर करना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन

बेंगलुरू: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने केनरा बैंक को निर्देश दिया है कि वह किसी सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी से बकाया ऋण वसूली के लिए उसकी पेंशन में से 50 प्रतिशत से अधिक की कटौती न करे। अदालत ने कहा कि पेंशन सेवानिवृत्त लोगों के लिए वित्तीय सुरक्षा का काम करती है और इसे धोखाधड़ी, जालसाजी या कदाचार के मामलों को छोड़कर पूरी तरह से ऋण चुकाने में नहीं लगाया जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति एस जी पंडित ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बैंकों को बकाया राशि वसूलने का कानूनी अधिकार है, लेकिन उन्हें पेंशनभोगियों की आजीविका की सुरक्षा करने वाले नियमों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पेंशनभोगी की वित्तीय स्थिरता आवश्यक है और उन्हें ऋण चुकाने के लिए अपनी पूरी पेंशन छोड़ने के लिए मजबूर करना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन होगा।

यह मामला अदालत के समक्ष 70 वर्षीय मुरुगन ओ के द्वारा लाया गया, जो केनरा बैंक के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं तथा वर्तमान में केरल के त्रिशूर में रहते हैं। मुरुगन 30 नवंबर 2014 को सेवानिवृत्त हुए थे और अपनी पेंशन के एक हिस्से से लगातार अपने लोन की ईएमआई का भुगतान कर रहे हैं। हालांकि, जुलाई 2024 से, केनरा बैंक ने बकाया चुकाने के लिए उनकी पूरी पेंशन काटनी शुरू कर दी, जिसके कारण उन्हें कानूनी हस्तक्षेप की मांग करनी पड़ी।

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उन्होंने न्यायालय से यह भी अनुरोध किया कि बैंक को उस शैक्षणिक ऋण पर दंडात्मक ब्याज लगाने से रोका जाए, जिसके लिए वह अपनी बेटी के साथ सह-देनदार थे। केनरा बैंक ने तर्क दिया कि मुरुगन पर साढे आठ लाख रुपये बकाया हैं। बैंक ने कहा कि बकाया राशि वसूलने का उसे अधिकार है।

हालांकि, अदालत ने फैसला सुनाया कि बैंक ऋण वसूली के लिए उनकी पेंशन का केवल 50 प्रतिशत ही काट सकता है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com