मुंबई-दिल्ली-कोलकाता मार्ग पर ‘कवच’ प्रणाली मार्च 2025 तक शुरू हो जायेगी: रेल मंत्री

मुंबई-दिल्ली-कोलकाता मार्ग पर ‘कवच’ प्रणाली मार्च 2025 तक शुरू हो जायेगी: रेल मंत्री

मुंबई-दिल्ली-कोलकाता मार्ग पर ‘कवच’ प्रणाली मार्च 2025 तक शुरू हो जायेगी: रेल मंत्री
Modified Date: August 7, 2024 / 08:32 pm IST
Published Date: August 7, 2024 8:32 pm IST

नयी दिल्ली, सात अगस्त (भाषा) रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली ‘कवच’ अगले साल मार्च तक 3000 किलोमीटर लंबे मुंबई-दिल्ली और दिल्ली-कोलकाता रेल मार्गों पर शुरू हो जाएगी।

वैष्णव ने कहा कि कवच के उन्नत संस्करण 4.0 को अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) ने 17 जुलाई को मंजूरी दी थी और अब जल्द ही बड़े पैमाने पर इसे लगाया जाना शुरू किया जायेगा।

मंत्री ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि ‘कवच 4.0’ सभी भौगोलिक परिस्थितियों जैसे पहाड़ी इलाकों, जंगल, तटीय और रेगिस्तानी क्षेत्रों आदि में सभी प्रकार की संचार चुनौतियों से निपटने में सक्षम होगा।

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उन्होंने कहा कि इससे प्रणाली में एकरूपता आएगी और नवीनतम संस्करण को उन्नत किये जाने का काम उन सभी स्थानों पर एक साथ चलेगा जहां ‘कवच’ का पिछला संस्करण स्थापित किया गया था।

वैष्णव ने कहा, ‘‘रेल मंत्रालय ने अगले दो वर्ष में 10,000 इंजनों पर कवच लगाने को भी मंजूरी दे दी है। इसके बाद, शेष 10,000 इंजनों पर चरणबद्ध तरीके से काम शुरू किया जाएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, मंत्रालय ने 3300 किलोमीटर लंबे मुंबई-चेन्नई और चेन्नई-कोलकाता मार्ग के साथ-साथ लगभग 5000 किलोमीटर लंबे सभी स्वचालित सिग्नल खंडों के लिए निविदा आमंत्रित करने का निर्णय लिया है।’’

‘कवच’ को स्थापित किये जाने की क्षमता में वृद्धि के बारे में वैष्णव ने कहा कि जब स्थापना कार्य शुरू किया गया था, तो वार्षिक क्षमता 1,000 किमी थी और आज इसे एक वर्ष में 4,000 किमी तक बढ़ा दिया गया है।

रेल मंत्री ने कहा, ‘‘वर्तमान स्थापना क्षमता के साथ, कवच अगले तीन वर्ष में मुंबई-चेन्नई और चेन्नई-कोलकाता मार्ग के साथ-साथ सभी स्वचालित सिग्नल खंडों पर शुरू हो जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि ‘कवच’ कार्यान्वयन कार्य के लिए तीन कंपनियों को पहले ही मंजूरी दे दी गई है तथा दो अन्य कंपनियां अनुमोदन प्रक्रिया के अग्रिम चरण में हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जब दो नई कंपनियां इस प्रणाली को स्थापित किये जाने की प्रक्रिया में शामिल हो जाएंगी, तो हमारी वार्षिक क्षमता 4,000 किमी प्रतिवर्ष से बढ़कर लगभग 5,500 किमी प्रतिवर्ष हो जाएगी।’’

भाषा

देवेंद्र प्रशांत

प्रशांत


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