लंबी बीमारी के बाद कवि गोपालदास नीरज का निधन
लंबी बीमारी के बाद कवि गोपालदास नीरज का निधन
नई दिल्ली। मशहूर कवि गोपालदास नीरज का गुरुवार को 93 वर्ष की आयु में दिल्ली एम्स में निधन हो गया। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मंगलवार को आगरा से दिल्ली एम्स लाया गया था। उन्हें बार-बार सीने में संक्रमण की शिकायत हो रही थी। नीरज सोमवार को अपनी बेटी से मिलने आगरा पहुंचे थे। अगले ही दिन उनकी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां से उन्हें दिल्ली एम्स लाया गया था।
गोपालदाव नीरज का जन्म 4 जनवरी 1925 को यूपू में इटावा जिले के ग्राम पुरावली में हुआ था। उन्हें पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। वे पहले व्यक्ति थे, जिन्हें शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में भारत सरकार ने दो-दो बार सम्मानित किया। पहले पद्मश्री और फिर पद्म भूषण। फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिए उन्हें लगातार तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला। वहीं यूपी की अखिलेश सरकार में उन्हें भाषा संस्थान का अध्यक्ष बनाकर केबिनेट मिनिस्टर का दर्जा भी दिया गया।
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उनके प्रमुख कविता संग्रह में संघर्ष (1944) अन्तर्ध्वनि (1946), विभावरी (1948), प्राणगीत (1951), दर्द दिया है (1956), बादर बरस गयो (1957), मुक्तकी (1958), दो गीत (1958), नीरज की पाती (1958), गीत भी अगीत भी (1959), आसावरी (1963), नदी किनारे (1963), लहर पुकारे (1963), कारवां गुजर गया (1964), फिर दीप जलेगा (1970), तुम्हारे लिये (1972), नीरज की गीतिकाएं (1987) शामिल हैं।
वेब डेस्क, IBC24

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