केरल के सरकारी स्कूलों में ‘बैकबेंच’ की व्यवस्था समाप्त होगी
केरल के सरकारी स्कूलों में ‘बैकबेंच’ की व्यवस्था समाप्त होगी
तिरुवनंतपुरम, पांच अगस्त (भाषा) केरल के सरकारी स्कूलों में अब पीछे की पंक्ति में बैठने वाले ‘बैकबेंचर्स’ की व्यवस्था जल्द ही समाप्त हो जाएगी। राज्य सरकार ने इस व्यवस्था से छात्रों पर पड़ रहे बुरे असर की आशंका के बीच पारंपरिक पंक्ति-वार बैठने की व्यवस्था को खत्म करने का कदम उठाया है।
सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने मंगलवार को कहा कि सरकार स्कूल की कक्षाओं से ‘बैकबेंचर्स’ की अवधारणा को खत्म करना चाहेगी।
‘फेसबुक’ पर इस बड़े फैसले की घोषणा करते हुए मंत्री ने कहा, ‘‘हमारी शिक्षा प्रणाली के लिए सबसे बेहतर मॉडल का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है। हम पैनल के सुझावों पर विचार करते हुए आगे बढ़ेंगे।’’
शिवनकुट्टी ने कहा कि ‘बैकबेंचर्स’ की अवधारणा से छात्रों के आत्मविश्वास और सीखने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी बच्चे को पढ़ाई या जीवन में पीछे नहीं छोड़ा जाना चाहिए।
मंत्री ने कहा कि कई देश ‘बैकबेंचर्स’ की अवधारणा को खत्म करने के लिए अलग-अलग मॉडल अपना रहे हैं और उन्होंने बच्चों के बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने में सभी का सहयोग मांगा।
‘बैकबेंचर्स’ की अवधारणा को समाप्त करना केरल में कुछ समय से चर्चा का विषय रहा है। हाल ही में रिलीज हुई मलयालम फिल्म ‘स्थानार्थी श्रीकुट्टन’ में भी इस विचार को साझा किया गया है।
विनेश विश्वनाथन निर्देशित इस फिल्म में एक स्कूली छात्र कक्षा में पीछे बैठने के कारण अपमानित होने के बाद बैठने की पारंपरिक व्यवस्था में बदलाव का प्रस्ताव रखता है।
फिल्म से प्रेरणा लेते हुए, दक्षिणी राज्य के कुछ स्कूलों ने पहले ही यू-आकार की बैठने की व्यवस्था लागू कर दी है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि प्रत्येक छात्र को समान ध्यान और प्रमुखता मिले।
भाषा यासिर नरेश
नरेश

Facebook



