केरल उच्च न्यायालय ने पीएफआई की हड़ताल के दौरान हिंसा में हुए नुकसान का ब्योरा मांगा |

केरल उच्च न्यायालय ने पीएफआई की हड़ताल के दौरान हिंसा में हुए नुकसान का ब्योरा मांगा

केरल उच्च न्यायालय ने पीएफआई की हड़ताल के दौरान हिंसा में हुए नुकसान का ब्योरा मांगा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:00 PM IST, Published Date : October 17, 2022/6:31 pm IST

कोच्चि, 17 अक्टूबर (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) द्वारा की गई हड़ताल और उस दौरान हिंसा में हुए नुकसान की राज्य सरकार से सोमवार को जानकारी मांगी।

न्यायमूर्ति ए.के. जयशंकर नाम्बियार और न्यायमूर्ति मोहम्मद नियास सी. पी. ने 23 सितंबर की हड़ताल के दौरान हुई हिंसा को लेकर दर्ज प्रत्येक मामले में नुकसान की जानकारी देने का निर्देश दिया।

साथ ही, अदालत ने पीएफआई और इसके पूर्व महासचिव अब्दुल सतार की संपत्ति कुर्क किये जाने का विवरण देते हुए एक हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया।

सरकार को हिंसा के सिलसिले में प्रत्येक अदालत में दायर जमानत अर्जियों का विवरण भी देने को कहा गया है।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई सात नवंबर को निर्धारित की है।

पुलिस ने बताया कि उसने हड़ताल के दिन हुई हिंसा को लेकर अब तक कुल 361 मामले दर्ज किये हैं और 2,674 लोगों को गिरफ्तार किया है।

पूर्व में, अदालत ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई और उसके पूर्व महासचिव (केरल) सतार को क्षतिपूर्ति के तौर पर गृह विभाग के पास 5.2 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया था। केरल राज्य सड़क परिवहन निगम और सरकार ने हड़ताल के दौरान हुई हिंसा के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराये जाने का अनुरोध किया था।

निगम ने अपनी याचिका में दलील दी है कि हड़ताल के दौरान हुई हिंसा में उसकी 58 बसों की सीटों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया, 10 कर्मचारियों और एक यात्री को घायल कर दिया गया था।

पीएफआई के कार्यालयों पर देशभर में छापा पड़ने और इसके नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में संगठन के तत्कालीन महासचिव सतार ने हड़ताल का आह्वान किया था।

भाषा सुभाष मनीषा

मनीषा

 

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