सीडब्ल्यूसी की बैठक में खरगे ने कहा: मनरेगा खत्म कर मोदी सरकार ने गरीबों की पीठ में छुरा घोंपा

सीडब्ल्यूसी की बैठक में खरगे ने कहा: मनरेगा खत्म कर मोदी सरकार ने गरीबों की पीठ में छुरा घोंपा

सीडब्ल्यूसी की बैठक में खरगे ने कहा: मनरेगा खत्म कर मोदी सरकार ने गरीबों की पीठ में छुरा घोंपा
Modified Date: December 27, 2025 / 02:02 pm IST
Published Date: December 27, 2025 2:02 pm IST

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के स्थान पर ‘विकसित भारत-जी राम जी अधिनियम’ बनाए जाने को लेकर शनिवार को नरेन्द्र मोदी सरकार पर ‘गरीबों की पीठ में छुरा घोंपने’ का आरोप लगाया और कहा कि इस विषय पर राष्ट्रव्यापी जनांदोलन खड़ा करना होगा।

उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक को संबोधित करते हुए बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा की और कहा कि इससे पूरा भारत चिंतित है।

खरगे ने कांग्रेस नेताओं से आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कमर कसने का आह्वान किया और यह भी कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) लोकतांत्रिक अधिकारों को सीमित करने की एक सोची समझी साजिश है तथा ऐसे में यह सुनिश्चित करना होगा कि कांग्रेस के मतदाताओं के नाम न काटे जाएं

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बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, महासचिव केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, लोकसभा सदस्य शशि थरूर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए।

खरगे ने बैठक में कहा, ‘‘हम आज ऐसे मौके पर विचार और भविष्य की रणनीति बनाने के लिए एकत्र हुए हैं, जब देश में लोकतंत्र, संविधान और नागरिकों के अधिकारों पर चारों तरफ गंभीर संकट छाया है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हाल में संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार ने मनरेगा को समाप्त कर करोड़ों गरीबों और कमजोर तबके के लोगों को बेसहारा कर दिया है। गरीबों के पेट पर लात मारने के साथ उनकी पीठ में मोदी सरकार ने छुरा घोंपा है। मोदी सरकार ने काम के अधिकार पर सुनियोजित और क्रूर हमला किया है।’’

खरगे ने कहा कि मोदी सरकार को गरीबों की चिंता नहीं, बल्कि चंद बड़े पूंजीपतियों के मुनाफ़े की ही चिंता है।

उनका कहना था कि मनरेगा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार का ऐसा दूरदर्शी कदम था, जिसे पूरे विश्व ने सराहा।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इस योजना ने ग्रामीण भारत का चेहरा बदला। यह विश्व का सबसे बड़ा ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम बना। इससे पलायन रुका, गांवों को अकाल, भूख, और शोषण से मुक्ति मिली। इस योजना ने दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और भूमिहीन मज़दूरों को भरोसा दिया कि गरीबी से जंग में सरकार उनके साथ खड़ी है।’’

खरगे ने दावा किया कि मोदी सरकार ने बिना किसी अध्ययन या मूल्यांकन के, राज्यों से या राजनीतिक दलों से सलाह-मशविरा के बिना इसे खत्म करके नया कानून थोप दिया।

उन्होंने कहा कि यह सारा काम तीन काले कृषि कानूनों की भांति किया गया।

खरगे ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘इस समय देशव्यापी आंदोलन की जरूरत है। इसका पुरजोर विरोध देश के हर कोने में होना चाहिए, क्योंकि इसके पहले जनवरी 2015 में जब मोदी सरकार ने कॉरपोरेट हितों में भूमि अधिग्रहण कानून बदला तो कांग्रेस के लोग सड़कों पर उतरे और सरकार को पीछे हटना पड़ा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम किसानों के हक में डटे रहे और नवंबर 2021 में प्रधानमंत्री को किसानों से माफ़ी मांगते हुए कृषि कानून वापस लेने पड़े। इन काले कानूनों की वापसी की भविष्यवाणी राहुल जी ने बहुत पहले कर दी थी और हाल में उन्होंने ये भी भविष्यवाणी की है कि मोदी सरकार को दुबारा मनरेगा बहाल करना होगा।’’

उनके मुताबिक, पिछले 76 वर्षों में संविधान ने देश के नागरिकों को इतना सिखा दिया है कि कोई तानाशाह उनका अधिकार छीन नहीं सकता।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यह हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी है कि हम मनरेगा पर ठोस योजना बनाएं, राष्ट्रव्यापी, जन-आंदोलन खड़ा करें। यह लड़ाई हम जीतेंगे। इस कठिन हालत में देश भर के कमजोर लोग कांग्रेस की ओर देख रहे हैं।’’

उन्होंने कांग्रेस के ‘संगठन सृजन’ अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि अब तक देश के करीब 500 जिलों में नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो चुकी है तथा अगले 120 दिनों में शेष जिलों में प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

खरगे ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘बात केवल नियुक्तियों तक सीमित नहीं है। हमें प्रदेश, ज़िला, ब्लॉक, मंडल और बूथ स्तर पर संगठन को सक्रिय, जवाबदेह और लड़ाकू बनाना होगा।’’

उन्होंने अगले साल अप्रैल-मई 2026 में असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में होने वाले विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ हमारी तैयारियां जारी हैं। हम संगठित हो कर, पूरी एकता से चुनाव लड़ेंगे और लोकतंत्र को ताकतवर बनाएंगे।’’

खरगे ने मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विषय पर चिंता जताई और आरोप लगाया कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों को सीमित करने की एक सोची समझी साजिश है।

उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी ने बार-बार तथ्यों और उदाहरणों के साथ ‘वोट चोरी’ का प्रमाण देश के सामने रखा है। भाजपा और निर्वाचन आयोग की मिलीभगत जगजाहिर है। इसलिए हमें सुनिश्चित करना होगा कि हमारे मतदाताओं के नाम न काटे जाएं।’’

कांग्रेस अध्यक्ष का कहना था, ‘‘हमें देखना होगा कि मतदाता सूची से गरीब और कमजोर तबकों के लोगों के खास तौर पर दलित, आदिवासी, अति पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों के नाम न कटने पाएं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ 2027 में जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, वहां भी अभी से एकजुट होकर मतदाता सूचियों से लेकर सभी तैयारी में लग जाना चाहिए।’’

खरगे ने जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग का उल्लेख करते हुए कहा कि भाजपा और संघ परिवार ‘नेशनल हेराल्ड’ के मुद्दे पर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की छवि को खराब करने में लगे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम न्यायिक लड़ाई लड़ रहे हैं। ‘सत्यमेव जयते’ ये बात राहुलजी हमेशा कहते हैं, हमारी जीत होगी।’’

बांग्लादेश की स्थिति पर उन्होंने कहा, ‘‘हाल के महीनों में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों ने पूरे देश को चिंतित किया है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।’’

उन्होंने यह दावा भी किया, ‘‘दो दिन पहले क्रिसमस के मौके पर कई इलाकों में भाजपा, आरएसएस और इनसे संबंधित संगठन के लोगों ने भाईचारा और सौहार्द बिगाड़ने का काम किया। इससे दुनिया के सामने हमारी छवि धूमिल हुई है।’’

भाषा हक हक पवनेश

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