बेंगलुरु, 25 मार्च (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता खुशबू सुंदर ने वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने के लिए किए गए ट्वीट को लेकर कांग्रेस द्वारा निशाना साधे जाने पर शनिवार को विपक्षी पार्टी पर पलटवार करते हुए कहा कि वह उस समय के ‘पार्टी नेता की भाषा’ बोल रही थीं, क्योंकि उनसे ऐसा कहने को कहा गया था।
खुशबू ने कांग्रेस की ‘निराशा’ पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया से उक्त पोस्ट को पांच साल में नहीं हटाया और न ही अब हटाएंगी।
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘मोदी उपनाम’ के मामले में दर्ज मानहानि के मुकदमे में सजा सुनाए जाने और लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद कांग्रेस ने खुशबू के पुराने ट्वीट का मु्द्दा उठाया है। सुंदर ने कह कि यह उजागर करता है कि विपक्षी पार्टी कितनी हताश थी।
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) सदस्य सुंदर द्वारा वर्ष 2018 में किया गया ट्वीट सोशल मीडिया पर बार बार पोस्ट किया जा रहा है जिसे उन्होंने हटाया नहीं है।
सुंदर मौजूदा समय में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की भी सदस्य हैं जिन्होंने वर्ष 2020 में कांग्रेस छोड़ भगवा दल का दामन थाम लिया था। उन्होंने वर्ष 2018 में ट्वीट किया था, ‘‘मोदी का अर्थ बदलकर भ्रष्टाचार कर देना चाहिए…यह बेहतर होगा।’’
वर्ष 2018 में किए गए ट्वीट पर सफाई देते हुए खुशबू ने कहा, ‘‘उस समय मैं कांग्रेस पार्टी में थी और केवल कांग्रेस प्रवक्ता का कर्तव्य निभा रही थी। यह वह भाषा थी जिसे हमें बोलना था और मैं यही कर रही थी। मैं पार्टी नेता का अनुकरण कर रही थी। यह उनकी भाषा थी।’’
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’से कहा, ‘‘यह न केवल दिखाता है कि वे (कांग्रेस पार्टी) कितने निराश हैं बल्कि जिस मुद्दे को वे उछाल रहे हैं उसके प्रति उनकी अज्ञानता को भी उजागर करता है।’’
गौरतलब है कि मोदी उपनाम की तुलना ‘चोर’से करने के मामले में राहुल गांधी को सजा सुनाए जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता से भी अयोग्य करार दिए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी खुशबू द्वारा किए गए ट्वीट को तूल दे रही है।
कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने शनिवार को ट्विटर के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया, ‘‘ मोदी जी क्या आप खुशबु सुंदर पर भी मानहानि का मुक़दमा मोदी नाम वाले अपने किसी शिष्य से दायर करवाएंगे? अब तो वह भाजपा की सदस्य हैं। देखते हैं।’’
सुंदर ने कहा, ‘‘मैंने कभी अपने टाइमलाइन से ट्वीट को हटाया नहीं है और न ही ऐसा करूंगी।’’उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस नेता मेरा नाम लेकर क्या करने की कोशिश कर रहे हैं? क्या वे मेरी तुलना राहुल गांधी से कर रहे हैं? ’’
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह ‘मोदी’ उपनाम का अपमान करने को गलत नहीं मानती तो उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी स्तर को नीचे ले गए और सभी मोदी को ‘चोर’ कहा, मैंने केवल ‘भ्रष्टाचार’ का शब्द इस्तेमाल किया। कांग्रेस पार्टी इसमें अंतर करने में असमर्थ है लेकिन अगर उनमें सामर्थ्य है तो मैं कांग्रेस नेताओं को मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की चुनौती देती हूं। मैं उसका कानूनी रूप से सामना करूंगी।’’
सुंदर ने रेखांकित किया कि कांग्रेस पार्टी कभी नहीं चाहती थी कि मैं भाजपा सरकार द्वारा उठाए जा रहे सकारात्मक कदमों की प्रशंसा करूं, ‘‘ फिर चाहे तीन तलाक हो, अनुच्छेद-370 हटाना हो या नयी शिक्षा नीति हो, जब भी मैंने इनके प्रशंसा में ट्वीट किए तो कांग्रेस पार्टी को समस्या रही।’’
खुशबू सुंदर करीब 100 फिल्मों में काम कर चुकी हैं।उन्होंने सबसे पहले द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) का दामन थामा था और भाजपा में शामिल होने से पहले वह कांग्रेस में भी रहीं थी।
भाषा धीरज पवनेश
पवनेश
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