सूर्य मंदिर के गर्भ गृह से निकाला जाएगा रेत, बदल जाएगा मंदिर का आकार, 119 साल बाद होने जा रहा ये काम

सूर्य मंदिर के गर्भ गृह से निकाला जाएगा रेत! Konark Surya Mandir: Big Changes on Surya Mandir Garbh Grih After 119 Years

सूर्य मंदिर के गर्भ गृह से निकाला जाएगा रेत, बदल जाएगा मंदिर का आकार, 119 साल बाद होने जा रहा ये काम
Modified Date: November 29, 2022 / 08:45 pm IST
Published Date: September 10, 2022 5:51 pm IST

कोणार्कः Konark Surya Mandir ओडिशा के कोणार्क में स्थित सूर्य मंदिर भारत के ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है, लेकिन अब सूर्य मंदिर में बड़ा बदलाव होने वाला है। दरसअल 119 साल के लंबे इंतजार के बाद सूर्य मंदिर से रेत हटाई जाएगी, जिसके बाद मंदिर का आकार बदल जाएगा। बताया जा रहा है कि इस काम में लगभग तीन साल का समय लगेगा। मंदिर से रेत निकालने का काम सफलता पूर्वक हो जाए इसलिए पूजा पाठ किया जा रहा है।

Read More: इस देश में 12 लाख गर्भवती महिलाओं की आफत में फसी जिंदगी, GDP को हो सकता है बड़ा नुकसान, सामने आई ये वजह 

Konark Surya Mandir बता दें कि साल 1903 में अंग्रेजी सरकार ने सूर्य मंदिर के अग्रभाग की स्थिति और ऊपरी हिस्से के पत्थर खिसक रहे थे, जिससे मंदिर ढह सकता था। मंदिर न ढहे इसलिए अंग्रेजी सरकार ने गर्भ गृह को रेत में रेत भर दिया था। साथ मंदिर के पट भी हमेशा के लिए बंद कर दिए थे। लेकिन अब 119 साल बाद बड़ा बदलाव होने जा रहा है।

 ⁠

Read More: डी पुरंदेश्वरी पर गरमाई सियासत, मंत्री शिव डहरिया का बड़ा बयान, इस वजह से हुआ है बीजेपी में बदलाव 

एएसआई के एक ऐतिहासिक निर्णय के तहत सूर्य मंदिर के गर्भगृह से बालू निकालने के लिए पहले चरण में एक निजी कंपनी, बीडीआर कंस्ट्रक्शन संस्थान इसके लिए मेकेनिकल वर्किंग प्लेटफार्म तैयार करेगी। इस प्लेटफॉर्म पर लिफ्ट और ट्रॉली जैसे मैकेनिकल सिस्टम के जरिए गर्भगृह से रेत और पत्थर निकाले जाएंगे। वहीं, दूसरे चरण में एएसआई पश्चिम द्वार के दूसरे स्तंभ के पास 4 फीट चौड़ी और 5 फीट ऊंचा रास्ता बनाकर गर्भगृह से बालू निकालेगा। एएसआई अधिकारी बीडीआर कंपनी के तकनीकी सहयोग से अगले 3 वर्षों के गर्भगृह के भीतर से रेत हटाने की योजना बना रहे हैं।

Read More: जॉर्जिया एंड्रियानी का फिगर देख लट्टू हो रहे फैंस, शेयर की बोल्ड फोटोज 

इसी तरह से 2015 में गर्भगृह की आंतरिक स्थिति में क्या बदलाव आया है? इसका पता लगाने के लिए रुड़की स्थित सेंटर फॉर बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआर) ने पहले चरण में जीपीआरएस, लेजर स्कैनिंग और एंडोस्कोपी की और एएसआई को अपनी रिपोर्ट प्रदान की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि मुखशाला गर्भगृह के बीच रहने वाली रेत 17 फीट दबने के साथ ही पत्थरों के खिसकने की बात कही गई थी। हाईकोर्ट ने भी सूर्य मंदिर की सुरक्षा को लेकर एएसआई की भूमिका पर सवाल उठाया था।

Read More: चुनाव में पार्षदों की खरीद-फरोख्त के लगाए आरोप, विधायक और पूर्व मंत्री का वीडियो हुआ वायरल 

 

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक


लेखक के बारे में

"दीपक दिल्लीवार, एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 10 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट से की थी, जहां उन्होंने राजनीति, खेल, ऑटो, मनोरंजन टेक और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें राजनीति, खेल, मनोरंजगन, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी काफी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदार रिपोर्ट पेश की है। दीपक दिल्लीवार, पिछले 5 साल से IBC24 न्यूज पोर्टल पर लीडर के तौर पर काम कर रहे हैं। इन्हें अपनी डेडिकेशन और अलर्टनेस के लिए जाना जाता है। इसी की वजह से वो पाठकों के लिए विश्वसनीय जानकारी के सोर्स बने हुए हैं। वो, निष्पक्ष, एनालिसिस बेस्ड और मजेदार समीक्षा देते हैं, जिससे इनकी फॉलोवर की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। काम के इतर बात करें, तो दीपक दिल्लीवार को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है। वो हेल्दी वर्क लाइफ बैलेंस करने में यकीन रखते हैं।"