चंडीगढ़, 26 जून (भाषा) शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल से 2015 के कोटकपुरा पुलिस गोलीबारी मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शनिवार को करीब चार घंटे तक पूछताछ की।
शिअद ने एसआईटी जांच को ‘दुर्भावनापूर्ण’ करार दिया है।
एसआईटी द्वारा तलब किए जाने के बाद सुखबीर सिंह बादल पूर्वाह्न करीब 11 बजे सेक्टर 32 स्थित पंजाब पुलिस अधिकारी संस्थान पहुंचे।
सुखबीर 2015 में हुई इस घटना के समय प्रदेश के उप मुख्यमंत्री थे और उनके पास गृह विभाग की भी जिम्मेदारी थी यह मामला धार्मिक ग्रंथ की कथित बेअदबी से जुड़ा है और इसको लेकर लोग फरीदकोट में प्रदर्शन कर रहे थे, तभी उन पर पुलिस ने गोलियां चलाई थी।
बादल के समर्थन में बिक्रम सिंह मजीठिया, बलविंदर सिंह भुंदर, एन के शर्मा और दलजीत सिंह चीमा समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता पंजाब पुलिस अधिकारी संस्थान पहंचे। पूछताछ के बाद बादल अपराह्न तीन बजकर 10 मिनट पर संस्थान से बाहर निकले और उन्होंने अपने वाहन से कार्यकर्ताओं का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।
बादल ने ट्वीट किया, ‘‘ इतना ज्यादा आदर और सम्मान देने के लिए मैं पार्टी कार्यकर्ताओं का आभारी हूँ।’’
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सतर्कता ब्यूरो) एल के यादव के नेतृत्व में मंगलवार को एसआईटी ने शिरोमणि अकाली दल के शीर्ष नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से करीब ढाई घंटे तक पूछताछ की थी।
पंजाब सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से निर्देश मिलने के बाद इस घटना की जांच के लिए नई एसआईटी गठित की। यह नई टीम कोटकपुरा घटना के मामले में 14 अक्टूबर, 2015 और सात अगस्त, 2018 को दर्ज दो प्राथमिकी की जांच कर रही है।
पुलिस ने इसी तरह के अन्य प्रदर्शन में फरीदकोट के बहबल कलां में गोलियां चलाई थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी और इस मामले में अलग से जांच जारी है। इसी बीच अकाली दल के नेता महेशिंदर सिंह ग्रेवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह एक दुर्भावनापूर्ण जांच है।’’
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को सुखबीर सिंह बादल की निंदा करते हुए कहा कि एसआईटी की नई टीम ‘पंजाब की आत्मा को न्याय दिलाने के करीब’ है।
सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के छह साल हो गये … आपके शासन के दो साल में न्याय नहीं हुआ…इसके बाद 4.5 साल में भी न्याय नहीं हुआ…आज नई एसआईटी टीम पंजाब की आत्मा को न्याय दिलाने के क़रीब है और आप राजनीतिक हस्तक्षेप का रोना रोते हैं। राजनीतिक हस्तक्षेप तो वह था, जिसकी वजह से छह साल में न्याय नहीं मिला।’’
भाषा स्नेहा माधव
माधव
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