जम्मू कश्मीर के भद्रवाह में हिमपात की कमी से पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था प्रभावित

जम्मू कश्मीर के भद्रवाह में हिमपात की कमी से पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था प्रभावित

जम्मू कश्मीर के भद्रवाह में हिमपात की कमी से पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था प्रभावित
Modified Date: December 14, 2025 / 06:17 pm IST
Published Date: December 14, 2025 6:17 pm IST

भद्रवाह (जम्मू-कश्मीर), 14 दिसंबर (भाषा) इस सर्दी में लंबे समय तक सूखे और हिमपात की कमी ने जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में पर्यटन को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे पर्यटकों की संख्या और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है। पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हितधारकों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि सर्दियों की शुरुआत के बाद से गुलदांडा, चटरगल्ला और पाडरी जैसे उच्च ऊंचाई वाले प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में अब तक कोई खास वर्षा नहीं हुई है, जिससे शीतकालीन पर्यटन और साहसिक खेलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इन पर्यटक स्थलों में आमतौर पर अक्टूबर के मध्य तक हिमपात शुरू हो जाता है।

शुष्क मौसम के कारण पर्यटकों के आगमन में भारी गिरावट आई है और वे पर्यटक क्षेत्र के लोकप्रिय हिमपात स्थलों से दूर रह रहे हैं।

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हालांकि, पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हितधारकों को मौसम की स्थिति में सुधार की उम्मीद बनी हुई है और उन्हें क्रिसमस से पहले अगले कुछ हफ्तों में ताजा हिमपात होने की आशा है।

पर्यटन रणनीतिकार राशिद चौधरी ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों की तुलना में भद्रवाह-पठानकोट राजमार्ग पर स्थित 9,555 फुट ऊंचे गुलदांडा में नवंबर से पर्यटकों के आगमन में 80 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।’

उन्होंने कहा कि कभी अपने निर्मल और बर्फ से ढके परिदृश्यों के लिए जाना जाने वाला पर्यटन स्थल इस वर्ष हिमपात की चौंकाने वाली कमी से प्रभावित हुआ है, जिससे इस क्षेत्र के प्रमुख शीतकालीन आकर्षण स्थल (विशेष रूप से गुलदांडा) में पर्यटकों के आगमन में भारी गिरावट आई है।

उन्होंने कहा, ‘इस स्थिति ने पर्यटन पर निर्भर सभी क्षेत्रों में आर्थिक संकट पैदा कर दिया है, जिनमें होटल व्यवसायी, पर्यटक गाइड, दुकानदार और स्थानीय विक्रेता शामिल हैं।’

चौधरी ने कहा कि हितधारकों को मौसम की स्थिति में सुधार की उम्मीद है और नव वर्ष के उत्सव से पहले ताजा हिमपात को इस मौसम में भद्रवाह में शीतकालीन पर्यटन को पुनर्जीवित करने की एकमात्र संभावना के रूप में देखा जा रहा है।

भद्रवाह विकास प्राधिकरण (बीडीए) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, गुलदांडा में 15 अक्टूबर से 15 दिसंबर के बीच वर्ष 2022, 2023 और 2024 में क्रमशः 1.75 लाख, दो लाख और 1.8 लाख पर्यटकों की आवाजाही हुई थी, लेकिन इस वर्ष इसी अवधि के दौरान केवल 10,000 पर्यटकों ने ही इन स्थलों का दौरा किया।

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 13 दिसंबर को पहलगाम हमले के बाद कई पर्यटन स्थलों को बंद करने के फैसले की समीक्षा करने का आह्वान किया।

पहलगाम के बैसरन मैदान में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद उपराज्यपाल प्रशासन ने सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए कई पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।

गुलमर्ग में पत्रकारों से बात करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि हालांकि उनमें से कुछ को चरणबद्ध तरीके से आगंतुकों के लिए फिर से खोल दिया गया है, लेकिन कई अब भी बंद हैं।

इलाके में छोटे-मोटे कारोबार स्थापित करने वाले दर्जनों विक्रेता लंबे समय से जारी सूखे के कारण चिंतित हैं।

गुलदांडा के एक स्थानीय विक्रेता राज कुमार मनहास ने कहा, ‘‘पिछले तीन वर्षों में इस अवधि के दौरान हमें प्रतिदिन औसतन 100 से 150 पर्यटक वाहन मिलते थे, लेकिन इस वर्ष यह संख्या घटकर लगभग 10 वाहन रह गई है।’’

उन्होंने कहा कि हिमपात न होने के कारण गिरावट आई है। उन्होंने कहा, ‘‘नए साल के जश्न शुरू होने से पहले अच्छा हिमपात होना ही अब हमारी एकमात्र उम्मीद है।’’

भाषा

शुभम संतोष

संतोष


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