‘पीड़िता की गवाही का अभाव’: अदालत ने पत्नी पर चाकू से हमले के मामले में पति को बरी किया
‘पीड़िता की गवाही का अभाव’: अदालत ने पत्नी पर चाकू से हमले के मामले में पति को बरी किया
नयी दिल्ली, छह फरवरी (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने पत्नी पर चाकू से हमला करने के मामले में पति को बरी कर दिया क्योंकि सुनवाई के दौरान पीड़िता की गवाही नहीं हो सकी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ट्विंकल वाधवा आरोपी अजय कुमार मंडल के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही थीं।
सोनिया विहार पुलिस थाने में मंडल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि मंडल ने 27 अगस्त, 2019 को अपनी पत्नी निक्की देवी पर चाकू से हमला किया था, लेकिन अदालत को बताया कि उसका (पत्नी) पता नहीं चल पा रहा है और उसे बार-बार भेजे गए समन को तामील नहीं किया जा सका।
अदालत ने चार फरवरी को दिए गए अपने आदेश में अभियोजन पक्ष की इस दलील पर गौर किया कि बरामद वस्तुओं पर मौजूद खून के नमूने पीड़ित के खून के नमूने से मेल खाते हैं।
अदालत ने कहा, ‘‘केवल इस बात से कुछ साबित नहीं होता कि शिकायतकर्ता का खून जब्त की गई वस्तु पर मौजूद खून से मेल खाता है क्योंकि शिकायतकर्ता स्वंय अदालत के सामने यह कहने के लिए उपस्थित नहीं हुई कि उसके साथ ऐसी कोई (चाकू मारने की) घटना हुई थी।’’
अदालत ने फोरेंसिक साक्ष्य के संबंध में कहा कि ऐसे साक्ष्य केवल पुष्टिकारी हैं तथा वे शिकायतकर्ता की गवाही के प्राथमिक साक्ष्य का स्थान नहीं ले सकते।
अदालत ने व्यक्ति को बरी करते हुए कहा कि उसके खिलाफ आरोप साबित नहीं हुआ है।
भाषा प्रीति संतोष
संतोष

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