लद्दाख हिंसा : वांगचुक की रिहाई के लिए उनकी पत्नी ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया

लद्दाख हिंसा : वांगचुक की रिहाई के लिए उनकी पत्नी ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया

लद्दाख हिंसा : वांगचुक की रिहाई के लिए उनकी पत्नी ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया
Modified Date: October 3, 2025 / 09:45 am IST
Published Date: October 3, 2025 9:45 am IST

नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की रिहाई का अनुरोध करते हुए उनकी पत्नी गीतांजलि आंगमो ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

वांगचुक को लद्दाख में प्रदर्शनों के दो दिन बाद 26 सितंबर को कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत हिरासत में लिया गया था। लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर उस केंद्र शासित प्रदेश में हुए विरोध प्रदर्शनों में चार लोगों की मौत हो गई थी और 90 लोग घायल हो गए थे। वांगचुक राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद हैं।

आंगमो ने वकील सर्वम रीतम खरे के माध्यम से दायर अपनी याचिका में वांगचुक की हिरासत को चुनौती दी है और उनकी तत्काल रिहाई का अनुरोध किया है। याचिका में वांगचुक पर रासुका लगाने के फैसले पर भी सवाल उठाए गए हैं।

 ⁠

आंगमो ने आरोप लगाया कि उन्हें अभी तक हिरासत आदेश की प्रति नहीं मिली है, जो नियमों का उल्लंघन है।

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि उनका अभी तक वांगचुक से कोई संपर्क नहीं हो पाया है।

हाल ही में लद्दाख प्रशासन ने वांगचुक को ‘‘फंसाने’’ या ‘‘गुप चुप तरीके से कार्रवाई’’ के दावों को खारिज कर दिया था।

भाषा गोला शोभना

शोभना


लेखक के बारे में