lal qila blast news
Lal Qila Blast News: दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए भयानक कार ब्लास्ट ने पूरे देश में सुरक्षा की चिंताओं को बढ़ा दिया है। इस धमाके में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से अधिक नागरिक घायल हुए हैं। विस्फोट की तेज आवाज और प्रभाव ने आसपास के इलाके में दहशत फैलाई, जहां आसपास की गाड़ियाँ जल गईं और इमारतों के शीशे टूट गए। प्रारंभिक जांच में यह कार बम अमोनियम नाइट्रेट से भरा पाया गया, और इसे आत्मघाती हमला माना जा रहा है।
इस घटना के बाद असम पुलिस ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ और नफरत फैलाने वाली सामग्री साझा करने के आरोप में पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बुधवार को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर इसकी जानकारी दी। गिरफ्तार व्यक्तियों में मत्तिउर रहमान (दर्रांग), हसन अली मोंडल (गोलपारा), अब्दुल लतीफ (चिरांग), वजहुल कमाल (कामरूप) और नूर अमीन अहमद (बोंगाईगांव) शामिल हैं। सभी अलग-अलग जिलों से पकड़े गए और उन पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से देश में दहशत और नफरत फैलाने का प्रयास किया।
Lal Qila Blast News: मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि असम पुलिस किसी भी व्यक्ति के खिलाफ तेजी और दृढ़ता से कार्रवाई कर रही है जो ऑनलाइन नफरत फैलाने या आतंक की महिमा मंडन करने का प्रयास करता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और ऐसे मामलों में पुलिस पूरी कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।
वहीं, दिल्ली पुलिस ने इस धमाके के संबंध में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है। प्रारंभिक जांच में इस धमाके से जुड़े संदिग्ध के रूप में पुलवामा, जम्मू-कश्मीर के डॉक्टर उमर मोहम्मद का नाम सामने आया है। उन्हें जयश-ए-मोहम्मद के रैडिकल ग्रुप से जोड़कर देखा जा रहा है।
Lal Qila Blast News: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद से लगभग 350 किलोग्राम विस्फोटक और हथियार बरामद किए हैं। अधिकारियों के अनुसार, यह विस्फोट meticulously प्लान किया गया था और इसकी जांच पूरी गंभीरता से की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां पूरे देश में उच्च सतर्कता बरत रही हैं, विशेषकर राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में।
इस धमाके ने न केवल राष्ट्रीय राजधानी बल्कि पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नागरिकों से अपील की गई है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस और संबंधित सुरक्षा एजेंसियों को दें। साथ ही, सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों और भड़काऊ सामग्री से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।