पांच साल से वकालत से दूर रहने वाले विधि स्नातकों को फिर से देनी होगी बार की परीक्षा

पांच साल से वकालत से दूर रहने वाले विधि स्नातकों को फिर से देनी होगी बार की परीक्षा

पांच साल से वकालत से दूर रहने वाले विधि स्नातकों को फिर से देनी होगी बार की परीक्षा

ED seized 40 crores of this company

Modified Date: November 29, 2022 / 08:55 pm IST
Published Date: August 4, 2022 12:40 am IST

नयी दिल्ली, तीन अगस्त (भाषा) बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि पांच साल से अधिक समय तक वकालत से दूर रहे विधि स्नातक अगर इस पेशे में लौटना चाहते हैं तो उन्हें अखिल भारतीय बार परिक्षा (एआईबीई) को पास करना होगा।

शीर्ष अदालत में दाखिल हलफनामे में बीसीआई ने कहा कि उसने तय किया है कि अगर कोई शख्स ऐसा काम करता है जिसका विधि या न्यायिक मामलों से कोई संबंध नहीं है तो उसे एआईबीई परीक्षा फिर से देनी होगी और वकालत करने का लाइसेंस हासिल करना होगा।

शीर्ष अदालत ने अप्रैल में कहा था कि अगर कोई शख्स दूसरे पेशे में है तो भी उसे अस्थायी तौर पर बार में पंजीकरण करने की अनुमति दी जा सकती है लेकिन उसे एआईबीई परीक्षा पास करनी होगी और छह महीने में यह फैसला करना होगा कि वह वकालत करना चाहेगा या अन्य काम ही करता रहेगा।

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शीर्ष अदालत बीसीआई की अपील पर सुनवाई कर रही थी जिसमें गुजरात उच्च न्यायालय के एक फैसले को चुनौती दी गई थी। गुजरात उच्च न्यायालय ने अन्य काम करने वाले व्यक्तियों को अपनी नौकरी से इस्तीफा दिए बिना अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण करने की अनुमति दी थी।

 


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