वकील संगठनों ने शीर्ष अदालत, प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ निशिकांत दुबे की टिप्पणियों की निंदा की

वकील संगठनों ने शीर्ष अदालत, प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ निशिकांत दुबे की टिप्पणियों की निंदा की

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  • Publish Date - April 22, 2025 / 09:15 PM IST,
    Updated On - April 22, 2025 / 09:15 PM IST

नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) वकीलों के दो संगठन-एससीबीए और एससीएओआरए ने उच्चतम न्यायालय और प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद निशिकांत दुबे की टिप्पणियों की मंगलवार को निंदा की।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने 21 अप्रैल को एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया है, “एससीबीए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की बेलगाम टिप्पणियों की निंदा करता है, जिन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि देश में सभी गृहयुद्ध के लिए प्रधान न्यायाधीश जिम्मेदार हैं और उच्चतम न्यायालय अपनी सीमाएं लांघ रहा है तथा अगर हर बात के लिए शीर्ष अदालत जाना पड़े तो संसद और राज्य विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए।”

एससीबीए ने कहा, “दुबे की ये टिप्पणियां न केवल मानहानिकारक हैं, बल्कि शीर्ष अदालत की अवमानना ​​भी हैं। सर्वोच्च न्यायालय और प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना पर यह हमला अस्वीकार्य है तथा इसके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए।”

वहीं, सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (एससीएओआरए) ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा, “प्रधान न्यायाधीश और उच्चतम न्यायालय के खिलाफ निंदनीय, अपमानजनक और भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल, खासतौर पर व्यक्तिगत या राजनीतिक लाभ के लिए, पूरी तरह से अनुचित है, यह एक खतरनाक मिसाल कायम करता है और कानून के शासन में आम नागरिकों के विश्वास को कमजोर करता है।”

बयान में कहा गया है, “हम सभी जनप्रतिनिधियों से संयम बरतने, संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने और न्यायपालिका की गरिमा का सम्मान करने का आग्रह करते हैं। हम इस तरह की गैरजिम्मेदाराना और नुकसानदेह बयानबाजी के खिलाफ मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के साथ एकजुटता से खड़े हैं।”

भाषा पारुल माधव

माधव