स्थानीय निकाय चुनाव में एलडीएफ का कमजोर प्रदर्शन ‘नाराजगी’ का नतीजा: शिवनकुट्टी

स्थानीय निकाय चुनाव में एलडीएफ का कमजोर प्रदर्शन ‘नाराजगी’ का नतीजा: शिवनकुट्टी

स्थानीय निकाय चुनाव में एलडीएफ का कमजोर प्रदर्शन ‘नाराजगी’ का नतीजा: शिवनकुट्टी

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Modified Date: December 14, 2025 / 03:24 pm IST
Published Date: December 14, 2025 3:24 pm IST

तिरुवनंतपुरम, 14 दिसंबर (भाषा) केरल के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने रविवार को कहा कि आम लोगों की “नाराजगी” के कारण स्थानीय निकाय चुनावों में वाम लोकतांत्रिक गठबंधन (एलडीएफ) का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।

तिरुवनंतपुरम नगर निगम में एलडीएफ के चुनाव प्रचार का नेतृत्व करने वाले शिवनकुट्टी ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नियमों का उल्लंघन करते हुए मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए अभियान चलाए।

तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा ने 101 में से 50 सीट जीती हैं।

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उन्होंने कहा कि इस संबंध में वह बाद में सबूतों के साथ विस्तृत जानकारी देंगे।

शिवनकुट्टी ने कहा कि एलडीएफ को कभी भी यह नहीं लगा कि लोग वाम मोर्चे के खिलाफ वोट देंगे।

उन्होंने कहा, “लेकिन ऐसी नाराजगी पैदा हो गई, जिसका अंदाजा नहीं लगाया जा सका। अन्यथा नतीजे ऐसे नहीं होते।”

चुनाव में मिली हार के पीछे नेतृत्व की विफलता के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी हार के कारणों का मूल्यांकन करेगी और आवश्यक कदम उठाएगी।

उन्होंने कहा, “हमने अभी हार के कारणों की समीक्षा नहीं की है।”

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता एवं विधायक एम. एम. मणि के इस बयान पर कि सरकार से कल्याणकारी लाभ मिलने के बावजूद लोगों ने एलडीएफ के खिलाफ वोट किया, शिवनकुट्टी ने कहा कि ऐसी प्रतिक्रिया नहीं दी जानी चाहिए थी।

शिक्षा मंत्री ने कहा, “उन्होंने यह बात अपने अंदाज में कही, लेकिन जमीनी स्तर से जुड़े और कई विरोध-प्रदर्शन देख चुके मणि को हार के बाद जनता पर आरोप नहीं लगाना चाहिए था। मुझे नहीं लगता कि यह पार्टी की नीति को दर्शाता है।”

इस बीच, मणि ने कहा कि उन्होंने चुनाव परिणामों पर भावनात्मक प्रतिक्रिया के तौर पर यह टिप्पणी की थी।

उन्होंने कहा कि माकपा महासचिव एम. ए. बेबी ने स्पष्ट किया है कि यह टिप्पणी अनुचित थी।

मणि ने कहा, “यही पार्टी का रुख है और यही मेरा भी।”

उन्होंने कहा कि एलडीएफ सरकार ने जनता के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की थीं, लेकिन प्रतिकूल चुनाव परिणामों से उन्हें निराशा हुई।

स्थानीय निकाय चुनावों में वाम दलों का कुल मिलाकर प्रदर्शन निराशाजनक रहा। वर्ष 2020 में जहां वे छह में से पांच नगर निगमों में सत्ता में थे, वहीं इस बार वे केवल एक नगर निगम तक सिमट गए।

वाम दलों के लिए सबसे बड़ा झटका राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा से मिली हार है।

भाषा खारी प्रशांत

प्रशांत


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