माकपा नेता की प्रतिमा को पुनः स्थापित करने और भगवान राम की मूर्ति को स्थानांतरित करने के लिए पत्र

माकपा नेता की प्रतिमा को पुनः स्थापित करने और भगवान राम की मूर्ति को स्थानांतरित करने के लिए पत्र

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  • Publish Date - April 13, 2025 / 09:36 PM IST,
    Updated On - April 13, 2025 / 09:36 PM IST

अगरतला, 13 अप्रैल (भाषा) त्रिपुरा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जितेंद्र चौधरी ने रविवार को मुख्यमंत्री माणिक साहा से आग्रह किया कि वह प्रमुख कम्युनिस्ट नेता बैद्यनाथ मजूमदार की प्रतिमा को उसके मूल स्थान पर पुनः स्थापित करें और वहां लगाई गयी भगवान राम की मूर्ति को किसी उपयुक्त स्थान पर स्थापित करें।

उनाकोटी जिले में एक दिन पहले अज्ञात लोगों ने उस स्थान पर भगवान राम की मूर्ति स्थापित कर दी, जहां पहले प्रख्यात कम्युनिस्ट नेता की मूर्ति थी, जिसके बाद चौधरी ने यह अनुरोध किया।

भाजपा के सत्ता में आने के बाद मार्च 2018 में इस मूर्ति को तोड़ दिया गया था।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता चौधरी ने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए एक पत्र में कहा, “आपको भगवान राम की मूर्ति की उस जगह स्थापना के बारे में पता होगा, जहां प्रख्यात कम्युनिस्ट नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री बैद्यनाथ मजूमदार की मूर्ति थी। इसे 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद तोड़कर मनु नदी में फेंक दिया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने इस कृत्य की निंदा की थी और मूर्ति को फिर से स्थापित करने का आश्वासन दिया था।”

उन्होंने कहा, “राज्य के लोगों की तरह, आप भी कम्युनिस्ट नेता की मूर्ति के स्थान पर भगवान राम की मूर्ति स्थापित करने से दुखी हो सकते हैं। यह कृत्य राज्य की परंपरा और संस्कृति की भावना के खिलाफ है।”

चौधरी ने पत्र में कहा, “इसलिए मैं आपसे दिवंगत कम्युनिस्ट नेता की प्रतिमा को उसके मूल स्थान पर पुनः स्थापित कराने का आग्रह करता हूं, जिन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों को समर्पित कर दिया। मैं भगवान राम की मूर्ति को पूरे सम्मान के साथ उपयुक्त स्थान पर स्थानांतरित करने का भी अनुरोध करता हूं।”

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उनाकोटी जिला इकाई के अध्यक्ष बिमल कर ने कैलाशहर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए भगवान राम की मूर्ति को उस स्थान पर स्थापित करने में किसी भी पार्टी नेता और कार्यकर्ता की संलिप्तता से इनकार किया, जहां प्रख्यात कम्युनिस्ट नेता की मूर्ति को तोड़े जाने से पहले स्थापित किया हुआ था।

भाषा जितेंद्र नरेश

नरेश