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Haryana Assembly Session: चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा का सत्र गुरुवार से शुरू हुआ और पहले ही दिन कांग्रेस पार्टी ने भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया। स्पीकर ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी और शुक्रवार को इस पर चर्चा शुरू हुई। सदन में गहमागहमी के बीच मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रस्ताव परंपरा के अनुरूप नहीं है और इसमें नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हस्ताक्षर भी नहीं हैं।
हुड्डा ने जवाब देते हुए कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के लिए कम से कम 18 विधायकों के हस्ताक्षर जरूरी होते हैं। हालांकि, मौजूदा हालात में भाजपा सरकार को कोई खतरा नहीं है क्योंकि उसके पास पर्याप्त संख्या बल मौजूद है।
Haryana Assembly Session: आपको बता दें कि हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। भाजपा: 48 सीटें, कांग्रेस: 37 सीटें, इनेलो: 2 सीटें, निर्दलीय: 3 सीटें जो कि सभी भाजपा समर्थक हैं। इस तरह भाजपा के पास कुल 51 विधायकों का समर्थन है, जिससे सरकार स्थिर बनी हुई है।
कांग्रेस ने पिछले चार सालों में दो बार अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन दोनों ही बार उसे हार का सामना करना पड़ा। बता दें कि 10 मार्च 2021 को खट्टर सरकार के खिलाफ प्रस्ताव गिरा, भाजपा के पक्ष में 55 और विरोध में 32 वोट पड़े। वहीं 22 फरवरी 2024 को कांग्रेस का प्रस्ताव फिर असफल रहा।
चुनाव से छह महीने पहले भाजपा ने मुख्यमंत्री का चेहरा बदल दिया और जेजेपी से गठबंधन तोड़ दिया। उस समय सरकार पर अल्पमत में आने के आरोप लगे थे, लेकिन बाद में भाजपा ने सदन में बहुमत साबित कर दिया। 2019 चुनाव में भाजपा ने 40 सीटें जीती थीं और जेजेपी के 10 विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।