SEC Railway Latest News: ICF की जगह अब LHB कोच.. दुर्ग-अंबिकापुर के यात्रियों को आरामदायक सफर की सौगात, रेलवे की बड़ी पहल

कई तरह की विशेषताओं के कारण, LHB कोच यात्रियों के लिए अधिक सुरक्षित और आरामदायक माने जाते हैं, और भारतीय रेलवे धीरे-धीरे ICF कोचों को LHB कोचों से प्रतिस्थापित कर रहा है।

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  • Publish Date - March 12, 2025 / 06:05 PM IST,
    Updated On - March 12, 2025 / 06:37 PM IST

LHB coaches now available in Durg-Ambikapur-Durg Express || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • दुर्ग-अंबिकापुर एक्सप्रेस में एलएचबी कोच शुरू, यात्रियों को मिलेगी आरामदायक और सुरक्षित यात्रा
  • ICF बनाम LHB: रेलवे ने पारंपरिक कोचों को हटाकर नई तकनीक से लैस एलएचबी कोच जोड़े
  • भारतीय रेलवे का बड़ा बदलाव: एलएचबी कोच से बढ़ेगी ट्रेनों की गति और सुरक्षा स्तर

LHB coaches now available in Durg-Ambikapur-Durg Express : बिलासपुर: रेलवे प्रशासन द्वारा यात्रियों को आरामदायक एवं सुरक्षित यात्रा सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में बेहतर प्रयास किया जा रहा है। इस तारतम्य में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से चलने/गुजरने वाली सभी गाड़ियों में योजनाबद्ध तरीके से पुराने पारंपरिक कोचों के बदले सुविधाजनक, आरामदायक और ज्यादा सुरक्षित नई तकनीक वाले एलएचबी कोच की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

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सफर होगा आरामदायक

इसी कड़ी में गाड़ी संख्या 18241/18242 दुर्ग-अम्बिकापुर-दुर्ग एक्सप्रेस में दुर्ग से 10 मार्च 2025 से तथा अम्बिकापुर से 11 मार्च 2025 से पारंपरिक कोचों के बदले एलएचबी कोच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसी प्रकार गाड़ी संख्या 18756/18755 अम्बिकापुर-शहडोल-अम्बिकापुर एक्सप्रेस में 11 मार्च 2025 से एलएचबी कोच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इससे यात्रियों को बेहतर आरामदायक एवं सुरक्षित यात्रा की सुविधा मिल रही है।

एलएचबी कोच काफी सुरक्षित

LHB coaches now available in Durg-Ambikapur-Durg Express : उल्लेखनीय है कि एलएचबी कोच यात्रियों के लिए काफी आरामदायक व सुविधायुक्त होता है। रेल परिचालन की दृष्टि से एलएचबी कोच काफी सुरक्षित भी है। वर्तमान समय की मांग पर अगर स्पीड की बात की जाए तो ये कोच सामान्य कोचों की अधिकतम गति 110-130 कि.मी. की तुलना में 160 से भी अधिक की गति के लिए डिजाईन की गई है | एलएचबी कोच में हाइड्रोलिक सस्पेंशन का प्रयोग किया जाता है। वही दाएं बाएं मूवमेंट के लिए भी सस्पेंशन का प्रयोग किया गया है, जिससे सफर आरामदायक हो जाता है।

ICF (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री) और LHB (लिंक हॉफमैन बुश) कोच के बीच मुख्य अंतर

ICF कोच (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री)

  1. निर्माण स्थान और स्थापना: ICF कोच चेन्नई, तमिलनाडु स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में निर्मित होते हैं, जिसकी स्थापना 1952 में हुई थी।

  2. सामग्री और वजन: ये कोच लोहे से बने होते हैं, जिससे इनका वजन अधिक होता है।

  3. ब्रेक प्रणाली: ICF कोच में एयर ब्रेक का उपयोग किया जाता है।

  4. गति क्षमता: इनकी अधिकतम अनुमेय गति 110 किमी प्रति घंटा है।

  5. रखरखाव खर्च: इनके रखरखाव में अधिक खर्च आता है।

  6. बैठने की क्षमता और लंबाई: इन कोचों में बैठने की क्षमता कम होती है (स्लीपर में 72, 3AC में 64 सीटें) और ये LHB कोचों से 1.7 मीटर छोटे होते हैं।

  7. दुर्घटना सुरक्षा: दुर्घटना के दौरान, ICF कोच एक-दूसरे के ऊपर चढ़ सकते हैं, क्योंकि इनमें ड्यूल बफर सिस्टम होता है।

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LHB कोच (लिंक हॉफमैन बुश)

  1. निर्माण स्थान और आयात: LHB कोच मूल रूप से जर्मनी से आयातित तकनीक पर आधारित हैं और भारत में कपूरथला, पंजाब स्थित रेल कोच फैक्ट्री में निर्मित होते हैं।

  2. सामग्री और वजन: ये कोच स्टेनलेस स्टील से बने होते हैं, जिससे ये हल्के होते हैं।

  3. ब्रेक प्रणाली: LHB कोच में डिस्क ब्रेक का उपयोग किया जाता है।

  4. गति क्षमता: इनकी अधिकतम अनुमेय गति 200 किमी प्रति घंटा है, और परिचालन गति 160 किमी प्रति घंटा है।

  5. रखरखाव खर्च: इनके रखरखाव में कम खर्च आता है।

  6. बैठने की क्षमता और लंबाई: इन कोचों में बैठने की क्षमता अधिक होती है (स्लीपर में 80, 3AC में 72 सीटें) और ये ICF कोचों से 1.7 मीटर लंबे होते हैं。

  7. दुर्घटना सुरक्षा: दुर्घटना के दौरान, LHB कोच एक-दूसरे के ऊपर नहीं चढ़ते हैं, क्योंकि इनमें सेंटर बफर कपलिंग (CBC) सिस्टम होता है।

इन विशेषताओं के कारण, LHB कोच यात्रियों के लिए अधिक सुरक्षित और आरामदायक माने जाते हैं, और भारतीय रेलवे धीरे-धीरे ICF कोचों को LHB कोचों से प्रतिस्थापित कर रहा है।

LHB कोच क्या होते हैं और ये ICF कोच से कैसे अलग हैं?

LHB (लिंक हॉफमैन बुश) कोच स्टेनलेस स्टील से बने होते हैं, हल्के होते हैं, और 200 किमी प्रति घंटे तक की गति के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। ये ICF कोच की तुलना में अधिक सुरक्षित और आरामदायक होते हैं।

दुर्ग-अंबिकापुर-दुर्ग एक्सप्रेस में LHB कोच कब से उपलब्ध होंगे?

दुर्ग से 10 मार्च 2025 और अंबिकापुर से 11 मार्च 2025 से इस ट्रेन में LHB कोच लगाए जाएंगे।

दुर्ग से 10 मार्च 2025 और अंबिकापुर से 11 मार्च 2025 से इस ट्रेन में LHB कोच लगाए जाएंगे।

इन कोचों में सेंटर बफर कपलिंग (CBC) सिस्टम होता है, जिससे दुर्घटना के दौरान कोच एक-दूसरे के ऊपर नहीं चढ़ते। साथ ही, डिस्क ब्रेक और हाइड्रोलिक सस्पेंशन सफर को अधिक सुरक्षित और आरामदायक बनाते हैं।