Vishnu ka Sushasan: साय सरकार ने रखा अन्नदाताओं का ध्यान, कृषक जीवन ज्योति योजना से दूर हुई सिंचाई की चिंता, खिले किसानों के चेहरे

साय सरकार ने रखा अन्नदाताओं का ध्यान, कृषक जीवन ज्योति योजना से दूर हुई सिंचाई की चिंता, Vishnu ka Sushasan: Sai government took care of food providers

  •  
  • Publish Date - March 12, 2025 / 03:34 PM IST,
    Updated On - March 12, 2025 / 03:50 PM IST
HIGHLIGHTS
  • कृषि प्रधान राज्य है छत्तीसगढ़
  • साय सरकार की योजनाओं से खिले किसानों के चेहरे

रायपुरः Vishnu ka Sushasan छत्तीसगढ़ राज्य कृषि प्रधान राज्य है। यहां लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्य में संलिप्त है। राज्य में लगभग 37.46 लाख कृषक परिवार है, जिसमें से लगभग 80 प्रतिशत लघु एवं सीमांत श्रेणी के है। यहां के किसानों ने अपनी जी-तोड़ मेहनत से छत्तीसगढ़ महतारी की हरी आंचल के महकाया है। प्रदेश में यहां केवल धान की 23 हजार से ज्यादा किस्में हैं। इतनी देश के किसी राज्य में नहीं है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा जाता है। अपने कार्यकाल के अल्प समय में प्रदेश के विकास को नई गति देने वाले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनकी सरकार ने किसानों को लिए कई अहम फैसले लिए हैं, जिससे उनके जीवन में नई खुशहाली आई है।

Read More : UP Crime News: बेटी से छेड़खानी की शिकायत करना एक पिता को पड़ा भारी, मनचलों ने दिन दहाड़े उतारा मौत के घाट 

Vishnu ka Sushasan सुशासन की राह पर चल रही साय सरकार किसानों के हित के लिए केंद्र सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर काम कर रही है। केंद्र की योजनाओं का सफल क्रियान्वयन तो प्रदेश में हो ही रहा है, साथ ही साथ राज्य सरकार की योजनाओं का भी लाभ उन्हें मिल रहा है। सरकार ने किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी तथा दो साल के बकाया धान बोनस की राशि 3716 करोड़ रूपए का भुगतान करके अपना संकल्प पूरा किया है।

Read More : Sanjay Singh on Hoarding Case: ‘नरेन्द्र मोदी, अमित शाह और जे पी नड्डा पर दर्ज होगी FIR’, होर्डिंग मामले को लेकर राज्यसभा सांसद ने लगाया ये आरोप

साय सरकार प्रदेश में कृषक जीवन ज्योति योजना संचालित कर रही है। सिंचाई के साधनों की कमी और खेती में आधुनिक तकनीकों की अनुपलब्धता के कारण किसानों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन इस योजना से किसानों की समस्याएं दूर हुई है। कृषि पंप रखने वाले किसानों को इस योजना के तहत बिजली पर 12,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। ऐसे में राज्य के किसान इस योजना से लाभ उठा रहे हैं। इस योजना से उपभोक्ताओं का बिजली बिल घट गया है। प्रदेश के आम उपभोक्ताओं और किसानों को इस योजना से राहत मिली है।

Read More : 12 March Ka Iftar Ka Time: 11वां रोजा खोलने से पहलेपढ़ें ये दुआ, इफ्तार का सही टाइम जानें यहां 

सूरजपुर के ग्राम पचिरा में इस योजना के क्रियान्वयन से आज 15 किसान वर्ष में एक से ज्यादा फसल अपने खेत में ले रहे है। साथ ही साथ वे सब्जी की भी खेती कर रहें है। जिससे न केवल उनके आय में वृद्धि हुई है बल्कि वह आर्थिक रूप से और अधिक मजबूत भी बने हैं। रेहण नदी के किनारे स्थित ग्राम में 15 किसानों का जमीन होने के बावजूद भी उनकी यह भूमि सिंचित नहीं हो पा रही थी। किसानों के कृषि भूमि के पास विद्युत लाइन का विस्तार नहीं होने के कारण यहां सिंचाई करना संभव नहीं हो पा रहा था एवं किसान केवल वर्षा में ही धान की खेती कर पा रहे थे। विद्युत विभाग अंतर्गत कृषक जीवन ज्योति योजना के तहत इस क्षेत्र में पंप विद्युतीकरण करने का कार्य किया गया। इससे वहां के किसानों में खुशी की लहर है।


छत्तीसगढ़ में कितने प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर हैं?

छत्तीसगढ़ में लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्य में संलिप्त है।

छत्तीसगढ़ को 'धान का कटोरा' क्यों कहा जाता है?

राज्य में धान की 23,000 से ज्यादा किस्में हैं, जो देश में किसी भी राज्य से सबसे अधिक हैं।

कृषक जीवन ज्योति योजना क्या है?

इस योजना के तहत किसानों को कृषि पंप के लिए बिजली पर 12,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही है, जिससे उनके बिजली बिल में कमी आई है।

साय सरकार ने किसानों के लिए क्या प्रमुख कदम उठाए हैं?

प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी। दो साल के बकाया धान बोनस के रूप में 3,716 करोड़ रुपये का भुगतान किया।

कृषक जीवन ज्योति योजना से किसानों को क्या लाभ हुआ है?

इस योजना से किसानों को सिंचाई के लिए बिजली सुविधा मिली, जिससे वे साल में एक से अधिक फसल उगा पा रहे हैं और उनकी आय में वृद्धि हुई है।