उपराज्यपाल अतिक्रमण के खिलाफ ‘चुनिंदा तरीके से’ अभियान चलाए जाने की जांच का आदेश दें:उपमुख्यमंत्री

उपराज्यपाल अतिक्रमण के खिलाफ ‘चुनिंदा तरीके से’ अभियान चलाए जाने की जांच का आदेश दें:उपमुख्यमंत्री

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  • Publish Date - November 29, 2025 / 07:20 PM IST,
    Updated On - November 29, 2025 / 07:20 PM IST

जम्मू, 29 नवंबर (भाषा) जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने शनिवार को उस सोशल मीडिया पत्रकार से मुलाकात की जिसका घर हाल ही में जम्मू विकास प्राधिकरण द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था। उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से अतिक्रमण रोधी अभियान ‘चुनिंदा’ तरीके से संचालित किये जाने की जांच का आदेश देने का आग्रह किया।

चौधरी ने दावा किया कि कार्रवाई मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की सहमति के बिना की गई, जबकि विभाग का प्रभार उनके पास है और जिम्मेदार अधिकारियों पर जवाबदेही निश्चित रूप से तय की जाएगी, क्योंकि सरकार ‘कमजोर नहीं है’ और पत्रकारों या गरीबों को निशाना बनाकर ‘चुनिंदा’ या ‘प्रतिशोधात्मक’ कदम नहीं उठाने दिया जाएगा।

उन्होंने दोहराया कि प्रशासन संवैधानिक मूल्यों, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा कमजोर लोगों की सुरक्षा के पक्ष में है तथा यह सुनिश्चित करेगा कि सरकार के निर्देशों के विरुद्ध कार्य करने वालों को बख्शा ना जाए।

जम्मू विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने बृहस्पतिवार को ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान एक मकान ध्वस्त कर दिया। एक सोशल मीडिया पत्रकार सहित निवासियों ने दावा किया कि वे पिछले चार दशकों से इस क्षेत्र में रह रहे थे और उन्हें कार्रवाई से पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया था।

चौधरी ने पत्रकार के परिवार से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हम उपराज्यपाल से अनुरोध करते हैं कि वे एक पत्रकार के गरीब परिवार के खिलाफ की गई कठोर कार्रवाई की जांच का आदेश दें। जांच जरूरी है, क्योंकि कार्रवाई मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार नहीं की गई, जो विभाग के प्रभारी हैं।’’

उन्होंने कहा कि अब तक प्राप्त जानकारी से पता चलता है कि अधिकारियों ने उपराज्यपाल या मुख्यमंत्री से परामर्श किए बिना अपनी मर्जी से कार्रवाई की और इसमें शामिल लोगों को जांच पूरी होने तक निलंबित रखा जाना चाहिए।

भाजपा के वरिष्ठ नेता रवींद्र रैना के इस कथित दावे का हवाला देते हुए कि उपराज्यपाल ने तोड़फोड़ का आदेश नहीं दिया था, चौधरी ने कहा कि वह मुख्यमंत्री के निर्देश पर लोगों, खासकर जम्मू शहर के निवासियों को यह बताने आए हैं कि ‘‘हमारी सरकार कभी भी घटिया या बदले की रणनीति नहीं अपनाएगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम ‘जियो और जीने दो’ में विश्वास करते हैं। हम संविधान में विश्वास रखते हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि उन्हें (तोड़फोड़ के बारे में) कोई जानकारी नहीं थी। जिस घर को निशाना बनाया गया वह एक पत्रकार का था और अगर आप लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को सच बोलने के लिए दबाएंगे, तो कौन सच बोलेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई सोचता है कि वह जम्मू कश्मीर को दमन से चला सकता है, तो यह अधिक दिन नहीं चलेगा।’’

चौधरी ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने जेडीए से मामले का ब्योरा मांगा है और जवाबदेही तय की जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार लाचार या कमजोर नहीं है, वरना ‘हम आज यहां खड़े नहीं होते।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी ताकत जानते हैं क्योंकि हमें जनता ने चुना है। जेडीए को जवाब देना चाहिए कि किसने तोड़फोड़ का आदेश दिया। जो अधिकारी यहां आए और बिना अधिकार के काम किया, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।’’

जम्मू कश्मीर में दोहरी सत्ता व्यवस्था का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘जब हमने कहा कि हमें सुचारु रूप से काम नहीं करने दिया जा रहा है, तो हमारा मतलब बिल्कुल यही था। जैसे ही कोई सच बोलता है, उसके खिलाफ़ कार्रवाई हो जाती है। सच बोलना एक अपराध बन गया है।’

चौधरी ने यह भी कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस दोहरी सत्ता व्यवस्था को खत्म करने के लिए राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रही है ताकि इस तरह का कोई भी फैसला चुनी हुई सरकार पर छोड़ दिया जाए और आईएएस और आईपीएस अधिकारी ‘अनुचित फायदा’ न उठा सकें।

उन्होंने कहा कि सरकार अतिक्रमण की गई जमीन वापस लेने के अभियानों का समर्थन करती है, लेकिन कार्रवाई सिर्फ ‘चुनिंदा तरीके से’ या सिर्फ गरीबों के खिलाफ ‘लक्षित’ नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘कार्रवाई जमीन हड़पने वाले प्रभावशाली लोगों से शुरू होनी चाहिए। ऊपर बैठे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती?’’

एक स्थानीय निवासी कुलदीप शर्मा की प्रशंसा करते हुए, जिन्होंने प्रभावित परिवार को अपना घर फिर से बनाने के लिए जमीन देने की पेशकश की, चौधरी ने कहा, ‘यह जम्मू में भाईचारे का एक ज्वलंत उदाहरण है, जहां एक किंवदंती के अनुसार, शेर और बकरियों ने एक साथ पानी पिया था।’’

भाषा अमित संतोष

संतोष