लंबी कानूनी लड़ाई के बाद स्नेहा बनी देश की पहली धर्म,जाति रहित नागरिक

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद स्नेहा बनी देश की पहली धर्म,जाति रहित नागरिक

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  • Publish Date - February 26, 2019 / 12:41 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:09 PM IST

चेन्नई। तमिलनाडु की रहने वाली एमए स्नेहा देश की पहली जाति और धर्म रहित नागरिक बन गई है। बता दें कि स्नेहा को कड़ी मेहनत के बाद यह सफलता मिली है। ज्ञात हो कि एमए स्नेहा वकील है और उनकी तीन बेटियां भी हैं। उन्होंने अपने स्कूल समय से लेकर अब तक कभी जन्म, स्कूल और अन्य प्रमाण पत्रों में जाति और धर्म का जिक्र नहीं किया।

इतना ही नहीं स्नेहा का पूरा परिवार सालों से बिना जाति और धर्म की पहचान बताये सालों से तमिलनाडु के तिरुपथुर में रह रहा है। स्नेहा ने बताया कि उनका परिवार जाति और धर्म की बात नहीं मानता। उनका कहना है कि हमारा परिवार नाश्तिक है। हम कम्युनिस्ट वादी विचारधारा को मानने वाले लोग हैं इसलिए हमने जाति और धर्म को पीछे छोड़ दिया है। बता दें कि एमए स्नेहा और उनके पति के पार्थिबाराजा ने अपने बच्चों के नाम भी इस तरह से रखे हैं कि कोई उनके नामो से उनकी जात का पता लगा ही नहीं सकता। उन्होंने एक का नाम आधीराई नसरीन रखा है तो वहीं दो के नाम आधिला ईरानी और आरिफा जेस्सी रखा है। जिसके चलते हाल ही में तमिलनाडु सरकार ने स्नेहा को आधिकारिक तौर पर एक प्रमाण पत्र सौंपा है, जिसमें उन्हें धर्म व जाति रहित महिला माना गया है। शायद वे देश की पहली ऐसी नागरिक हैं, जिन्हें आधिकारिक रूप से ऐसा सर्टिफिकेट हासिल हुआ है।