‘महायुति’ सरकार फसल ऋण माफ करने के वादे से मुकरी: अंबादास दानवे

‘महायुति’ सरकार फसल ऋण माफ करने के वादे से मुकरी: अंबादास दानवे

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  • Publish Date - March 29, 2025 / 04:58 PM IST,
    Updated On - March 29, 2025 / 04:58 PM IST

छत्रपति संभाजीनगर, 29 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र की मुख्य विपक्षी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता अंबादास दानवे ने शनिवार को सत्तारूढ़ ‘महायुति’ के घटक दलों पर चुनाव के दौरान किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा फसल ऋण न माफ कर पाने से गरीब किसानों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा।

दानवे ने वित्त मंत्री अजित पवार के उस बयान पर जवाब देते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने (पवार) कहा था कि राज्य मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए किसानों का ऋण माफ करने में असमर्थ है।

पवार ने किसानों से समय पर ऋण की किस्तें चुकाने की अपील की है।

महाराष्ट्र विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष दानवे ने छत्रपति संभाजीनगर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘महायुति के घटक दलों ने (विधानसभा चुनाव के दौरान) सत्ता में आने पर फसल ऋण माफ करने का वादा किया था। अब वे अपने चुनावी वादे से मुकर गए हैं।’’

उन्होंने कहा कि किसानों ने महायुति द्वारा दिए गए ऋण माफी के आश्वासन पर भरोसा किया और पिछले पांच-छह महीनों से किश्तों का भुगतान नहीं किया।

दानवे ने कहा, ‘‘किश्तों का भुगतान न होने के कारण ब्याज का बोझ बढ़ता जा रहा है। किसानों द्वारा आत्महत्या करने की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार अदाणी के हजारों करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर सकती है, लेकिन किसानों के कर्ज माफ करने का वादा पूरा नहीं कर सकती। इस सरकार को सिर्फ निविदाओं में दिलचस्पी है।’’

दानवे ने दावा किया कि निविदाओं की बढ़ती लागत के कारण सरकार को विकास कार्यों और खरीद के लिए अधिक भुगतान करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘जनता का पैसा लूटा जा रहा है, लेकिन सरकार किसानों का कर्ज माफ नहीं कर रही है।’’

दानवे ने आरोप लगाया कि सरकार ने विधानसभा में हाल ही में संपन्न हुए बजट सत्र के दौरान विपक्ष को सरपंच संतोष देशमुख की हत्या, परभणी के युवक सोमनाथ सूर्यवंशी और स्वारगेट बस स्टैंड बलात्कार मामले को उठाने की अनुमति नहीं दी जबकि यहां मुख्य रूप से औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग और स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के मुद्दे पर प्रमुख रूप से चर्चा की गई।

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों के दबाव के कारण सरकार को हत्या और बलात्कार के मामलों में कार्रवाई करनी पड़ेगी।’’

भाषा प्रीति धीरज

धीरज