ममता का मोदी से 23 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने का आग्रह

ममता का मोदी से 23 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने का आग्रह

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  • Publish Date - November 18, 2020 / 01:52 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:59 PM IST

कोलकाता, 18 नवंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी के दिन राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाना चाहिए।

बनर्जी ने मोदी से व्यक्तिगत रूप से यह देखने का भी आग्रह किया कि नेताजी के 18 अगस्त, 1945 को कथित तौर पर लापता होने के संबंध में कोई निर्णायक निष्कर्ष पेश करने के लिए केंद्र उचित कदम उठाए।

उन्होंने पत्र में लिखा है, ‘‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस का हमारे दिलों में एक विशेष स्थान है। मैं इसके लिए आपके व्यक्तिगत हस्तक्षेप का अनुरोध करना चाहती हूं कि केंद्र सरकार 23 जनवरी, यानी नेताजी की जयंती के दिन राष्ट्रीय अवकाश घोषित करे और उनके लापता होने से संबंधित मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए उचित कदम उठाए।’’

बनर्जी ने दो पृष्ठों के पत्र में इस बात पर जोर दिया कि राज्य लंबे समय से मांग कर रहा है कि 23 जनवरी के दिन राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए।

उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वह लोगों को ‘‘यह जानने का मौका दें कि उनके महान नेता – उनकी प्रेरणा के साथ क्या हुआ।’’

नेताजी का जन्म 1897 में हुआ था और उनकी 125वीं जयंती अगले साल मनाई जाएगी।

कई रिपोर्टों में दावा किया गया है कि नेताजी ताइवान के ताईहोकू हवाईअड्डे से एक विमान में सवार हुए थे जो दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और यही नेताजी की मृत्यु का कारण बना। हालांकि, उनकी मृत्यु के बारे में कोई पुष्टि नहीं हुई है क्योंकि कई विशेषज्ञ उनके लापता होने के बारे में विभिन्न सिद्धांत सामने लाए हैं।

नेताजी की मृत्यु या गुम होने को लेकर रहस्यों पर प्रकाश डालने के लिए केंद्र तीन जांच आयोगों का गठन कर चुका है जिसमें 1956 की शाहनवाज जांच समिति, 1974 का खोसला आयोग और 2005 का न्यायमूर्ति मुखर्जी जांच आयोग शामिल है।

पहले दो आयोगों का निष्कर्ष था कि नेताजी की ताइपे में विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी जबकि तीसरे जांच आयोग का निष्कर्ष था कि बोस उसके बाद जीवित थे।

नरेन्द्र मोदी सरकार ने एक सितंबर 2016 को बोस के बारे में 100 रिपोर्ट सार्वजनिक की थीं। बनर्जी ने सितंबर 2015 में महान स्वतंत्रता सेनानी से संबंधित 64 फाइलें सार्वजनिक की थीं। हालांकि, किसी से भी कोई निष्कर्ष निकालने में मदद नहीं मिल सकी।

भाषा. अमित नेत्रपाल

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