अमित शाह का भतीजा बन व्यवसायी से 3.90 करोड़ रुपये ठगने वाले व्यक्ति को जमानत

अमित शाह का भतीजा बन व्यवसायी से 3.90 करोड़ रुपये ठगने वाले व्यक्ति को जमानत

अमित शाह का भतीजा बन व्यवसायी से 3.90 करोड़ रुपये ठगने वाले व्यक्ति को जमानत
Modified Date: December 1, 2025 / 08:33 pm IST
Published Date: December 1, 2025 8:33 pm IST

नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने उस व्यक्ति की जमानत अर्जी सोमवार को मंजूर कर ली, जिस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भतीजा बनकर एक व्यापारी से 3.90 करोड़ रुपये ठगने का आरोप है।

न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई की पीठ ने कहा कि आरोपी अजय कुमार नैयर चार साल से अधिक समय से हिरासत में है और मुकदमे के निपटारे में अभी समय लगेगा।

पीठ ने कहा कि “यह अपराध भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) 1860 की धारा 419 और 420 के साथ धारा 120बी और 34 के अंतर्गत आता है, जिनके लिए अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है और याचिकाकर्ता चार साल से अधिक समय से हिरासत में है।”

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उसने कहा कि नैयर पर आरोप 2022 में तय किए गए थे और तीन साल बीतने के बाद भी पहले गवाह से ही जिरह चल रही है, जबकि मामले में कुल 34 गवाह हैं।

पीठ ने कहा, “हमारी राय में मुकदमे की सुनवाई पूरी होने में समय लगेगा।”

दिल्ली सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने नैयर की जमानत अर्जी का विरोध किया।

इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय ने नैयर के खिलाफ आरोपों की प्रकृति को देखते हुए उसकी जमानत याचिका एक सितंबर को खारिज कर दी थी।

उच्च न्यायालय ने कहा था, “याचिकाकर्ता पर लगे आरोपों की प्रकृति और दायरे को देखते हुए, तथा मामले में आईपीसी की धारा 467, 471 और 120बी के तहत उम्रकैद की सजा के प्रावधान वाले अपराधों को शामिल किए जाने के मुद्दे पर सुनवाई लंबित होने के मद्देनजर हम आरोपी को इस स्तर पर जमानत का हकदार नहीं मानते हैं।”

नैयर ने शिकायतकर्ता को राष्ट्रपति भवन के कायाकल्प के लिए चमड़े की आपूर्ति के वास्ते केंद्र सरकार से कथित तौर पर 90 करोड़ रुपये का ठेका दिलाने का वादा किया था।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक, एक पारिवारिक मित्र ने शिकायतकर्ता को नैयर से जालंधर जिमखाना क्लब में मिलवाया था। उसने बताया कि इस दौरान नैयर ने खुद को अमित शाह का भतीजा अजय शाह बताते हुए शिकायतकर्ता से वादा किया था कि वह उसे सरकारी ठेका दिलवा देगा।

अभियोजन पक्ष का आरोप है कि इसके बाद शिकायतकर्ता को उसकी कंपनी के पक्ष में 90 करोड़ रुपये का डिमांड ड्राफ्ट दिखाया गया और प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में ढाई करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया।

अभियोजन पक्ष ने कहा कि नैयर के साथ कई दौर की बैठकों के बाद शिकायतकर्ता ने ठेके के लिए अलग-अलग मौकों पर नकद और आरटीजीएस के जरिये कुल 3.90 करोड़ रुपये का भुगतान किया।

उसने कहा कि हालांकि, नैयर ने शिकायतकर्ता को 127 करोड़ रुपये के एक और डिमांड ड्राफ्ट की तस्वीर दिखाई, जिसमें कहा गया था कि ठेके की कीमत 90 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 127 करोड़ रुपये कर दी गई है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, जब शिकायतकर्ता को लगा कि उसके साथ धोखाधड़ी हो रही है, तो उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद नैयर को दिसंबर 2021 में गिरफ्तार कर लिया गया।

नैयर ने अपनी जमानत अर्जी में दलील दी थी कि आरोप 2022 में तय किए गए थे और मुकदमे की सुनवाई पूरी होने में अभी लंबा समय लगेगा।

भाषा पारुल नरेश

नरेश


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