शादी के 40 दिन बाद ही व्यक्ति ने की आत्महत्या, उसके परिवार के खिलाफ दहेज उत्पीडन का मामला रद्द
शादी के 40 दिन बाद ही व्यक्ति ने की आत्महत्या, उसके परिवार के खिलाफ दहेज उत्पीडन का मामला रद्द
नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक महिला की शिकायत पर उसके पति के परिवार के सदस्यों के खिलाफ दर्ज दहेज उत्पीड़न की प्राथमिकी को खारिज कर दिया है। उसके पति ने शादी के महज 40 दिन बाद ही आत्महत्या कर ली थी।
अदालत ने कहा कि शिकायत में लगाए गए आरोप अस्पष्ट हैं और आरोपों के समर्थन में ठोस सबूत नहीं हैं तथा यह कानून की प्रक्रिया के दुरुपयोग का मामला है।
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने बुधवार को दिए गए फैसले में कहा, ‘‘शिकायत को समग्र रूप से देखने पर यह उत्पीड़न या क्रूरता की किसी भी घटना को प्रतिबिंबित नहीं करती है।’’
अदालत ने मृतक के माता-पिता और बहन के खिलाफ विवाहित महिला पर कथित क्रूरता और आपराधिक विश्वासघात के आरोप में दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया और उन्हें मामले में बरी कर दिया।
यह आदेश महिला के सास-ससुर और ननद द्वारा दायर याचिका पर पारित किया गया, जिसमें 2016 में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया गया था।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘यह साफ तौर पर अस्पष्ट आरोपों और सत्ता के दुरुपयोग का मामला है और यदि वर्तमान कार्यवाही को जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो यह न्याय के हित में नहीं होगा।’’
उसने कहा कि दहेज उत्पीड़न की शिकायत में लगाए गए आरोप अस्पष्ट हैं और किसी ठोस सबूत से समर्थित नहीं हैं तथा न्याय के हित में यह मामला रद्द करने योग्य है।
महिला की मार्च 2016 में शादी हुई थी और वे पुणे में रहने लगे। महिला के ससुराल वालों का दावा है कि शादी के तुरंत बाद दंपति के बीच मतभेद पैदा हो गए और पति उदास, परेशान और हताश रहने लगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि महिला के परिवार ने न केवल उसके पति पर दबाव डाला, बल्कि उसे हर हाल में उसके साथ रहने की धमकी भी दी।
उन्होंने दावा किया कि महिला के माता-पिता ने उन्हें डराया-धमकाया और उनके पूरे परिवार को दहेज तथा घरेलू हिंसा के झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी थी।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि पत्नी और उसके माता-पिता द्वारा की गई अनुचित हरकतों और लगातार धमकियों से मानसिक एवं शारीरिक रूप से परेशान होकर व्यक्ति ने शादी के महज 40 दिन बाद 13 अप्रैल 2016 को आत्महत्या कर ली थी।
उन्होंने कहा था कि अपने माता-पिता के कहने पर महिला दाह संस्कार के तुरंत बाद ससुराल छोड़कर चली गई और बाद में किराये के मकान से अपना सामान भी ले गई।
इसके बाद मृतक के पिता ने अपने बेटे की आत्महत्या के पीछे की सच्चाई का पता लगाने के लिए निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
इसके दो महीने बाद महिला ने अपने ससुराल वालों के खिलाफ ‘महिला अपराध’ प्रकोष्ठ में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उसने उन पर दहेज की मांग को लेकर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने, साजिश रचने, उसके पति को आत्महत्या के लिए उकसाने और उसके निजी जीवन को खराब करने का आरोप लगाया।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि यह दुखद मामला है, जहां शादी 40 दिन भी नहीं चल पायी और पति ने आत्महत्या कर ली, जिसके परिणामस्वरूप रिश्ते और खराब हो गए और मुकदमेबाजी शुरू हो गई।
अदालत ने कहा, ‘‘रिकॉर्ड दर्शाते हैं कि महिला के पति की शादी से पहले किसी लड़की से दोस्ती थी और वह प्रतिवादी संख्या-दो (शिकायतकर्ता महिला) के साथ अपनी शादी को लेकर नाखुश और तनावग्रस्त था। पति ने शादी के 40 दिनों के भीतर ही आत्महत्या कर ली।’’
भाषा गोला सुरेश
सुरेश

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