कीट हमलों के चलते बंगाल के मालदा जिले के आम उत्पादकों को सता रहा फसल बर्बाद होने का डर

कीट हमलों के चलते बंगाल के मालदा जिले के आम उत्पादकों को सता रहा फसल बर्बाद होने का डर

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  • Publish Date - May 21, 2021 / 02:25 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:51 PM IST

मालदा (पश्चिम बंगाल), 21 मई (भाषा) पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के आम उत्पादक किसानों को कीट हमलों के चलते अपनी फसल बर्बाद होने का डर सता रहा है। कई इलाकों में यह फसल कीट हमले की चपेट में है।

आम की बेहतरीन किस्म के लिये मशहूर इस क्षेत्र के अनेक किसानों को कोविड-19 लॉकडाउन के कारण निर्यात नहीं कर पाने और स्थानीय खरीदारों की कमी के चलते पहले ही नुकसान की आशंका सता रही है।

जिला बागवानी कार्यालय के उप निदेशक कृष्णेंदु नंदन के अनुसार ‘सुली पोका’ नामक कीट बीते तीन-चार साल से अधिक समय से फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ”ये कीट आमों की सतह पर अंडे दे देते हैं, जिनका आकार बहुत छोटा होता है। इसके बाद लार्वा फल के अंदर चला जाता है और फसल खराब हो जाती है। ”

नंदन ने कहा कि यदि समस्या का सही समय पर समाधान नहीं किया जाता तो लगभग 10 से 50 प्रतिशत फसल बर्बाद हो जाती है।

उन्होंने कहा कि किसानों को सतर्क रहने और कीट पाए जाने पर जरूरी कदम उठाने के लिये कहा गया है।

नंदन ने कहा, ”सभी संक्रमित आमों को तुरंत तोड़कर पेड़ों पर नियमित रूप कीटनाशक छिड़का जाना चाहिये। यदि आवश्यक हो तो किसान बागवानी विभाग से मदद भी ले सकते हैं।”

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले तक मालदा के किसान इस साल अच्छे मौसम और पर्याप्त बारिश के कारण बंपर फसल की उम्मीद लगाए बैठे थे।

गौर घोष नामक किसान ने कहा कि वह समय-समय पर कीटनाशक छिड़ककर काफी हद तक कीटों की समस्या के पार पा सके हैं।

क्षेत्र के एक और किसान अरुण घोष ने हालांकि आरोप लगाया सरकार की ओर से औपचारिक प्रबंधन प्रशिक्षण नहीं मिलने और जागरुकता की कमी के चलते किसान अकसर इस समस्या से निपट नहीं पाते हैं।

जिले के आठ प्रखंडों में 31 हजार हैक्टेयर पर पैदा होने वाले मालदा आम का देश के विभिन्न हिस्सों और विदेश में निर्यात किया जाता है।

भाषा

जोहेब पवनेश

पवनेश