मणिपुर: कुकी संगठन की ‘चेतावनी’ के बीच ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता ने कांगपोकपी जिले को पार किया
मणिपुर: कुकी संगठन की 'चेतावनी' के बीच ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता ने कांगपोकपी जिले को पार किया
इंफाल, 18 दिसंबर (भाषा) शांति का संदेश फैलाने के लिए नयी दिल्ली से मणिपुर तक 2,300 किलोमीटर से अधिक की साइकिल यात्रा पर निकले ट्रांसजेंडर सामाजिक कार्यकर्ता मालेम थोंगम ने बृहस्पतिवार को कुकी संगठन की ‘चेतावनी’ के बीच एक सुरक्षा काफिले के साथ कांगपोकपी जिले को सुरक्षित रूप से पार कर लिया।
मालेम थोंगम ने दो अक्टूबर को दिल्ली के कुतुब मीनार से अपने ‘साइकिलिंग फॉर मणिपुर पीस’ अभियान की शुरुआत की थी। वह विभिन्न राज्यों से 2,300 किमी से अधिक की दूरी तय करने के बाद बुधवार को नगा-प्रभुत्व वाले सेनापति जिले में पहुंचे और शुक्रवार को कुकी बहुल कांगपोकपी से होते हुए इम्फाल में अपनी यात्रा समाप्त करने वाले थे।
थोंगम ने कहा, ‘हालांकि मैं बृहस्पतिवार सुबह सेनापति जिला मुख्यालय से रवाना हुआ और अब मैं इंफाल वेस्ट जिले के सेकमई पहुंच गया हूं। मैं शुक्रवार को इंफाल पहुंच जाऊंगा।’
सेकमई शहर राज्य की राजधानी से लगभग 22 किलोमीटर दूर है।
कार्यकर्ता ने कहा कि सुरक्षा कारणों से उन्होंने जिले में साइकिल नहीं चलाई और केंद्रीय बलों के विशेष सुरक्षा काफिले के साथ यात्रा की।
कुकी जनजाति के एक प्रभावशाली संगठन ‘कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी’ (सीओटीयू) ने अधिकारियों से इस अभियान को तुरंत रोकने का आग्रह किया था
‘कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी’ (सीओटीयू) ने एक बयान में कहा था कि वह ‘‘19 दिसंबर को मणिपुर शांति के नाम पर तनाव भड़काने वाले मालेम थोंगम द्वारा कांगपोकपी जिले को पार करने के लिए साइकिल चलाने के संबंध में संबंधित प्राधिकारी का तत्काल ध्यान आकर्षित करना चाहती है। इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।’’
इसमें कहा गया कि यदि कांगपोकपी जिले में साइकिल चलाने के दौरान कोई अप्रिय घटना होती है, तो ‘‘सीओटीयू और जिले के कुकी जो लोग जिम्मेदार नहीं होंगे, बल्कि संबंधित प्राधिकरण पूरी जिम्मेदारी वहन करेगा।’’
मई 2023 से कुकी और मेइती समुदायों के बीच हुए जातीय संघर्ष में 260 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। हिंसा भड़कने के बाद से कुकी और मेइती समुदाय के लोग एक-दूसरे के क्षेत्रों में जाने से कतराते हैं, जिससे राज्य जातीय आधार पर गहराई से विभाजित हो गया है।
राज्य में फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है। भाजपा नेता एन बीरेन सिंह ने अपनी सरकार द्वारा संकट से निपटने के तरीके की आलोचना के बीच मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
भाषा
शुभम नरेश
नरेश

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