मनोज सिन्हा का ‘मनगढ़ंत’ विमर्श का मुकाबला करने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाने का आह्वान
मनोज सिन्हा का 'मनगढ़ंत' विमर्श का मुकाबला करने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाने का आह्वान
जेवन (जम्मू-कश्मीर), 21 अक्टूबर (भाषा) जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को केंद्र शासित प्रदेश में विरोधी तत्वों द्वारा फैलाए जा रहे ‘मनगढ़ंत’ विमर्श का मुकाबला करने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाने का आह्वान किया।
उपराज्यपाल सिन्हा ने पुलिस स्मृति दिवस समारोह को संबोधित करते हुए सुरक्षा बलों से जम्मू कश्मीर में स्थायी शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी, विधायक और पुलिस, अन्य सुरक्षा बलों और नागरिक प्रशासन के शीर्ष अधिकारी इस समारोह में शामिल हुए।
सिन्हा ने अपने संबोधन में गलत सूचनाओं का मुकाबला करने के लिए आधुनिक उपकरणों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘मनगढ़ंत विमर्श फैलाने वालों से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाने की आवश्यकता है। नये नवाचारों और स्मार्ट तकनीकों का उपयोग करके, हम पुलिस को और अधिक सक्षम बना सकते हैं।’’
सिन्हा ने पिछले पांच वर्षों में जम्मू कश्मीर में आए बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में ऐतिहासिक बदलाव हुए हैं। उन्होंने क्षेत्र में स्थायी शांति सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि लोग अपनी इच्छानुसार जीवन जिएं। हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि शांति और समृद्धि का माहौल हमेशा बना रहे और एक भी अलगाववादी या उनके आका जम्मू कश्मीर में शांति में बाधा न डालें।’
जम्मू कश्मीर के लोगों से पुलिसकर्मियों के साहस और बलिदान को हमेशा याद रखने की अपील करते हुए सिन्हा ने कहा कि उन्हें शांति और सामान्य स्थिति बनाए रखने के प्रयासों में पुलिस बल का समर्थन करने का संकल्प लेना चाहिए।
उपराज्यपाल ने कहा कि पिछले दशकों में आतंकवाद से लड़ते हुए 1,614 पुलिसकर्मियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर पुलिस अपने बलिदान और बहादुरी के लिए जानी जाती है। मैं उनके बलिदान को सलाम करता हूं और देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।’’
उपराज्यपाल ने कहा कि ऐसे बलिदानों की तुलना धन से नहीं की जा सकती, लेकिन प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि उनके परिवारों को कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।
भाषा अमित दिलीप
दिलीप

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