मराठा आरक्षण: जरांगे ने अनिश्चितकालीन अनशन निलंबित किया, सरकार को दिया एक महीने का समय

मराठा आरक्षण: जरांगे ने अनिश्चितकालीन अनशन निलंबित किया, सरकार को दिया एक महीने का समय

मराठा आरक्षण: जरांगे ने अनिश्चितकालीन अनशन निलंबित किया, सरकार को दिया एक महीने का समय
Modified Date: June 13, 2024 / 04:50 pm IST
Published Date: June 13, 2024 4:50 pm IST

छत्रपति संभाजीनगर, 13 जून (भाषा) मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने छह दिन पहले आरक्षण के मुद्दे पर शुरू किया अपना अनिश्चितकालीन अनशन बृहस्पतिवार को निलंबित कर दिया और समुदाय की मांगों को स्वीकार करने के लिए महाराष्ट्र सरकार को एक महीने का समय दिया ।

उन्होंने यह घोषणा उस समय की जब महाराष्ट्र के मंत्री और मराठा आरक्षण उप-समिति के सदस्य शंभूराज देसाई, शिवसेना सांसद संदीपन भूमरे ने जालना जिले में उनके पैतृक गांव अंतरवाली सरती में उनसे मुलाकात कर इस मुद्दे पर चर्चा की।

धरना स्थल पर लोगों को संबोधित करते हुए जरांगे ने कहा, ‘हम मराठा समुदाय की मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को एक महीने का समय दे रहे हैं। लेकिन हम आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी भी जारी रखेंगे। अगर सरकार हमें आरक्षण नहीं देती है तो हम इसमें (चुनाव में) जाएंगे और इसे (आरक्षण) हासिल करेंगे।’

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उन्होंने कहा, ‘अगर एक महीने में मांगें पूरी नहीं की गईं तो न तो विपक्ष के सदस्य और न ही सरकार में बैठे लोग हमारे पास आएं। हम (राज्य विधानसभा चुनावों में) उम्मीदवारों के नाम घोषित करके उन्हें हरा देंगे।’

जरांगे ने शनिवार से अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। वह मसौदा अधिसूचना के क्रियान्वयन की मांग कर रहे हैं, जिसके तहत कुनबियों को मराठा समुदाय के सदस्यों के ‘सगे सोयरे’ (रक्त संबंधी) के रूप में मान्यता दी गई है। साथ ही वह कुनबियों को मराठा के रूप में मान्यता देने के लिए एक कानून की भी मांग कर रहे हैं।

कुनबी एक कृषि प्रधान समूह है, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आता है। जरांगे मांग कर रहे हैं कि सभी मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी किए जाएं, जिससे वे आरक्षण के लाभ के लिए पात्र बन सकें।

जरांगे से मुलाकात के बाद मंत्री देसाई ने कहा, ‘इस मुद्दे पर कल एक बैठक बुलाई जाएगी। पिछले पांच महीनों में से दो महीने आदर्श आचार संहिता (लोकसभा चुनावों के लिए) लागू होने में बीत चुके हैं। हम एक महीने में मराठा समुदाय की मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेंगे। अगर काम में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त कर्मियों की आवश्यकता होगी, तो हम मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अनुमति से ऐसा करेंगे।’

भाषा जोहेब पवनेश

पवनेश


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