‘एकल व्यक्ति भी बच्चा गोद ले सकता है.. विवाह प्रमाण पत्र आवश्यक नहीं’, इलाहाबाद हाईकोर्ट की अहम टिप्पणी

बच्चा गोद लेने के लिए विवाह प्रमाण पत्र आवश्यक शर्त नहीं, Marriage certificate not a necessary condition for adoption of child

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  • Publish Date - February 21, 2022 / 09:03 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:41 PM IST

प्रयागराज : adoption of child इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक मामले में स्पष्ट किया है कि बच्चा गोद लेने के लिए विवाह का प्रमाण पत्र आवश्यक शर्त नहीं है और हिंदू दत्तक एवं भरण पोषण अधिनियम, 1956 के तहत एकल व्यक्ति भी बच्चा गोद ले सकता है और इस कानून की धारा 8 और 7 के तहत विवाह या विवाह के पंजीकरण की जरूरत नहीं है।

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adoption of child न्यायमूर्ति डाक्टर कौशल जयेन्द्र ठाकर और न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने रीना किन्नर और एक अन्य व्यक्ति द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। याचिकाकर्ताओं के मुताबिक, रीना का जन्म 29 जनवरी, 1983 को हुआ और जन्म के समय उसे बेटी समझा गया, लेकिन बाद में पता चला कि वह किन्नर है। वहीं दूसरा याचिकार्ता 32 वर्ष का युवक है। दोनों ने 16 दिसंबर, 2000 को वाराणसी के अर्दली बाजार स्थित महावीर मंदिर में विवाह कर लिया।

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याचिकाकर्ता एक बच्चा गोद लेना चाहते थे जिसके लिए हिंदू विवाह अधिनियम के तहत प्रमाण पत्र की जरूरत थी और इसके लिए उन्होंने ऑनलाइन आवेदन किया। उनका विवाह पंजीकृत नहीं हो सका था क्योंकि याचिकाकर्ता रीना किन्नर है। अदालत ने पंजीयक को तीन दिसंबर, 2021 को किए गए इस आनलाइन आवेदन पर एक विस्तृत आदेश पारित का निर्देश दिया। अदालत ने यह आदेश नौ फरवरी, 2022 को पारित किया।