एसआईआर के लिए निर्वाचन आयोग की घोषणा से पहले बंगाल में अधिकारियों का बड़े पैमाने पर तबादला

एसआईआर के लिए निर्वाचन आयोग की घोषणा से पहले बंगाल में अधिकारियों का बड़े पैमाने पर तबादला

एसआईआर के लिए निर्वाचन आयोग की घोषणा से पहले बंगाल में अधिकारियों का बड़े पैमाने पर तबादला
Modified Date: October 27, 2025 / 05:30 pm IST
Published Date: October 27, 2025 5:30 pm IST

कोलकाता, 27 अक्टूबर (भाषा) पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की निर्वाचन आयोग द्वारा घोषणा किये जाने से कुछ घंटे पहले, राज्य सरकार ने सोमवार को विभिन्न जिलों में 200 से अधिक नौकरशाहों और वरिष्ठ अधिकारियों का बड़े पैमाने पर फेरबदल करने की अधिसूचना जारी की।

पश्चिम बंगाल सरकार के कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा 61 आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) और पश्चिम बंगाल लोक सेवा (डब्ल्यूबीसीएस) के 145 (कार्यकारी) अधिकारियों का तबादला किया गया। यह हालिया समय में एक बार में हुए सबसे बड़े तबादलों में से एक है।

इस फेरबदल में 10 जिलाधिकारी, विशेष सचिव स्तर के कई अधिकारी, कई विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) तथा आईएएस और डब्ल्यूबीसीएस, दोनों संवर्गों के कई एडीएम (अतिरिक्त जिलाधिकारी) और एसडीओ (अनुमंडल पदाधिकारी) शामिल हैं।

 ⁠

हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एचआईडीसीओ) के प्रबंध निदेशक (एमडी), कोलकाता नगर निगम के नगर आयुक्त और हल्दिया विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भी तबादलों की सूची में शामिल हैं।

स्थानांतरित जिलाधिकारियों की सूची में उत्तर और दक्षिण 24 परगना, कूच बिहार, मुर्शिदाबाद, पुरुलिया, दार्जिलिंग, मालदा, बीरभूम, झारग्राम और पूर्वी मेदिनीपुर जिले शामिल हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि इन कर्मियों से आगामी एसआईआर कवायद में नोडल भूमिका निभाने की उम्मीद थी तथा निर्वाचन आयोग द्वारा कार्यक्रमों की घोषणा के बाद राज्य सरकार के लिए आगे फेरबदल करना असंभव हो जाता।

राज्य में विपक्षी दल भाजपा ने आरोप लगाया कि यह कदम ममता बनर्जी प्रशासन द्वारा आगामी एसआईआर प्रक्रिया को विफल करने का एक प्रयास है। वहीं, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने अधिसूचनाओं को ‘‘नियमित’’ बताया है।

भाजपा नेता सजल घोष ने आरोप लगाया, ‘‘ममता बनर्जी को लग रहा है कि इस प्रक्रिया के सफलतापूर्वक पूरा होने और मतदाता सूची से बड़ी संख्या में फर्जी मतदाताओं के नाम हटाए जाने के बाद उनकी पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। इसलिए, वह आखिरी समय में इतनी बड़ी संख्या में फेरबदल कर इस प्रक्रिया को बाधित करने की हरसंभव कोशिश कर रही हैं।’’

इस आरोप को खारिज करते हुए, तृणमूल कांग्रेस आईटी प्रकोष्ठ प्रमुख देबांग्शु भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा बेबुनियाद आरोप लगाने के लिए ‘‘हथकंडे अपना रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रशासन में इस तरह के तबादले साल भर नियमित तौर पर होते रहते हैं। कोई कारण नहीं है कि इसके और एसआईआर की घोषणा के बीच कोई संबंध जोड़ा जाए। यह केवल विरोध के लिए विरोध है।’’

भाषा सुभाष नरेश

नरेश


लेखक के बारे में