उत्तराखंड में अगले बजट सत्र में वृहद भू-कानून लाया जा सकता है : मुख्यमंत्री

उत्तराखंड में अगले बजट सत्र में वृहद भू-कानून लाया जा सकता है : मुख्यमंत्री

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  • Publish Date - September 27, 2024 / 08:53 PM IST,
    Updated On - September 27, 2024 / 08:53 PM IST

देहरादून, 27 सितंबर (भाषा) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप एक वृहद भू—कानून तैयार कर रही है, जिसे राज्य विधानसभा के अगले बजट सत्र में लाया जा सकता है ।

धामी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए नगर निकाय क्षेत्रों से बाहर एक ही परिवार द्वारा अलग—अलग नामों से भूमि क्रय करने वालों तथा व्यवसायिक गतिविधियों के नाम पर जमीनें खरीदकर उसका उपयोग उस प्रयोजन के लिए न करने वालों को भी चेतावनी दी।

उन्होंने कहा कि ऐसे सभी प्रकरणों में सख्त कार्रवाई के साथ जमीनें राज्य सरकार में निहित की जाएगी।

धामी ने कहा, ‘‘हमारी सरकार भू कानून एवं मूल निवास के मुद्दे को लेकर संवदेनशील है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हमारी एक समिति पहले से राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप एक वृहद भू कानून का प्रारूप तैयार कर रही है। हमारा प्रयास इसे अगले बजट सत्र में लाने का है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भूमि खरीद के संबंध में एक कानून पहले से ही अस्तित्व में है, जिसके तहत नगर निकाय क्षेत्र से बाहर कोई भी व्यक्ति ढाई सौ वर्ग मीटर भूमि बिना अनुमति के खरीद सकता है।

उन्होंने कहा कि ऐसा संज्ञान में आया है कि एक ही परिवार में अलग-अलग नामों से भूखंड क्रय करके उक्त प्रावधानों का उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम इसकी जांच करायेंगे और जिन व्यक्तियों ने ऐसा किया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के साथ ही उनकी भूमि राज्य सरकार में निहित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी जिन्होंने पर्यटन, उद्योग, शिक्षा आदि व्यवसायिक गतिविधियों के लिए अनुमति लेकर भूमि क्रय की है, लेकिन उसका इस्तेमाल संबंधित कार्य के लिये नहीं किया ।

उन्होंने कहा कि हम ऐसी जमीनों का विवरण तैयार करा रहे हैं और ऐसे लोगों की जमीनों को भी राज्य सरकार में निहित किया जाएगा तथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ।

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू किए जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि इसके क्रियान्वयन के लिए गठित की गयी समिति अपनी पूरी कोशिश कर रही है कि यह पहले ही तय की जा चुकी नौ नवंबर की समयसीमा के भीतर इसे लागू कर दे।

उन्होंने कहा, ‘समिति की प्रगति की हर माह समीक्षा की जा रही है । अक्टूबर के पहले सप्ताह में एक और समीक्षा बैठक होनी है । इसके बाद यह साफ हो जाएगा कि नौ नवंबर की समयसीमा के भीतर ऐसा हो पाएगा या नहीं ।’

भाषा दीप्ति रंजन

रंजन