नई दिल्लीः Waqf Amendment Bill लोकसभा में आज वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पेश हो गया है। संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल को सदन में पेश किया। बिल पेश करते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि इससे अधिक संख्या में आजतक किसी भी बिल पर लोगों की याचिकाएं नहीं आईं। 284 डेलिगेशन ने अलग-अलग कमेटी के सामने अपनी बात रखी है। 25 राज्यों के वक्फ बोर्ड ने अपना पक्ष रखा। पॉलिसी मेकर्स, विद्वानों ने भी अपनी बात कमेटी के सामने रखी हैं। इस बिल का पॉजिटिव सोच के साथ विरोध करने वाले भी समर्थन करेंगे।
Read More : Waqf Amendment Bill LIVE Updates: वक्फ संशोधन विधेयक पर BJP के वक्ता कौन?
Waqf Amendment Bill किरेन रिजिजू ने कहा कि कई लीगल एक्सपर्ट, कम्युनिटी लीडर्स, धार्मिक लीडर्स और अन्य लोगों ने कमेटी के सामने अपने सुझाव रखे। पिछली बार जब हमने बिल पेश किया था, तब भी कई बातें बताई थीं। मुझे उम्मीद ही नहीं, यकीन है कि जो इसका विरोध कर रहे थे, उनके हृदय में बदलाव होगा और वे बिल का समर्थन करेंगे। मेरे मन की बात कहना चाहता हूं कि किसी के बात कोई बदगुमां न समझे कि जमीं का दर्द कभी आसमां न समझे। उन्होंने कहा कि किसी ने कहा कि ये प्रावधान गैर संवैधानिक हैं। किसी ने कहा कि गैर-कानूनी है। यह नया विषय नहीं है। आजादी से पहले पहली बार बिल पास किया गया था। इससे पहले वक्फ को इनवैलिडेट (अवैध करार) किया था। 1923 में मुसलमान वक्फ एक्ट लाया गया था। ट्रांसपेरेंसी और एकाउंटिबिलिटी का आधार देते हुए एक्ट पारित किया गया था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- एक बिल कैबिनेट ने अप्रूव करके रखा। यह बिल जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी को दिया गया। विपक्ष भी इस पर बोल रहा था। कमेटी के सुझावों को कैबिनेट ने स्वीकार किए। संशोधन के रूप में किरेन रिजिजू लेकर आए। विपक्ष ही कह रहा था कि जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी बने। ये कांग्रेस जैसी पार्लियामेंट्री कमेटी नहीं है। हमारी कमेटी है, जो चर्चा करती है। कांग्रेस की कमेटी खाली ठप्पा लगाती थी।