संस्कृति मंत्रालय की झांकी में कोणार्क चक्र, ‘सोने की चिड़िया’ के जरिये समृद्ध अतीत का प्रदर्शन
संस्कृति मंत्रालय की झांकी में कोणार्क चक्र, ‘सोने की चिड़िया’ के जरिये समृद्ध अतीत का प्रदर्शन
नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) गणतंत्र दिवस परेड में संस्कृति मंत्रालय की झांकी में कोणार्क के प्रतीकात्मक चक्र पर घूमते हुए प्राचीन तमिल वाद्य यंत्र से लेकर भारत की सांस्कृतिक विरासत एवं आर्थिक प्रगति की प्रतीक ‘सोने की चिड़िया’ के प्रतीकात्मक चित्रण के जरिये देश के समृद्ध अतीत का प्रदर्शन किया गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विरासत भी, विकास भी’ के मंत्र से प्रेरित इस झांकी में देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सतत विकास की विशाल संभावनाओं को भी खूबसूरती से दर्शाया गया।
मंत्रालय ने 22 जनवरी को दिल्ली में 76वें गणतंत्र दिवस समारोह की झांकी के पूर्वावलोकन के दौरान कहा था कि यह झांकी भारत की सांस्कृतिक विविधता और रचनात्मकता का शानदार उत्सव है।
मंत्रालय ने कहा था, ‘‘कुम्हार के चाक पर प्राचीन तमिल वाद्य यंत्र याढ़ हमारी परंपरा की गहराई और निरंतरता का प्रतीक है। वहीं, काइनैटिक कल्पवृक्ष जो ‘सोने की चिड़िया’ में बदलता है, हमारी रचनात्मकता और आर्थिक प्रगति का संदेश देता है।’’
उसने कहा था कि यह झांकी भारत के विकसित राष्ट्र बनने के ‘विजन 2047’ में संस्कृति और रचनात्मकता के योगदान को भी रेखांकित करती है। यह कला, संगीत और परंपराओं की गहराई को आधुनिक व्यवसाय और नवाचार से जोड़ती है।
परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर इस झांकी के गुजरने के दौरान दर्शकों की गर्मजोशी भरी प्रतिक्रिया देखने को मिली।
भाषा
ब्रजेन्द्र
ब्रजेन्द्र पारुल
पारुल

Facebook



