Politics on Petrol Diesel Price: मोदी सरकार ने बढ़ाई पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी, कांग्रेस ने पूछा- कहां से आती है इतनी बेशर्मी?

मोदी सरकार ने बढ़ाई पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी, Modi government increased excise duty on petrol and diesel

Politics on Petrol Diesel Price: मोदी सरकार ने बढ़ाई पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी, कांग्रेस ने पूछा- कहां से आती है इतनी बेशर्मी?

Congress Leader Death Case. Image Source-IBC24 Archive

Modified Date: April 7, 2025 / 08:49 pm IST
Published Date: April 7, 2025 8:49 pm IST

नई दिल्लीः Politics on Petrol Diesel Price: केंद्र की मोदी सरकार ने देश में पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है। सरकार ने इस पर दो रुपए का इजाफा किया है। वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। आम आदमी के लिए राहत की बात यह है कि इससे पेट्रोल और डीजल के दाम आम आदमी के लिए नहीं बढ़ेंगे। ये खर्चा पेट्रोलियम कंपनियां उठाएंगी। इसके बाद देश में अब नई कीमतों को लेकर बहस छिड़ गई है।

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कांग्रेस मीडिया विभाग प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सरकार पेट्रोल और डीज़ल पर ₹2 excise duty बढ़ाकर कह रही है। इससे जनता के दाम नहीं बढ़ेंगे। कहाँ से आती है इतनी बेशर्मी? क्योंकि असल में दाम बढ़ने के बजाय आपके लिए तो कम होने चाहिए थे। Crude oil अभी 4 साल के सबसे निचले स्तर $60 प्रति बैरल पर है, पिछले साल अप्रैल में यह $86 प्रति बैरल था। एक साल में $26 प्रति बैरल crude oil का दाम कम हूँ, लेकिन क्या आपके पेट्रोल और डीजल के दाम कम हुए? नहीं. क्योंकि मोदी सरकार मुनाफ़ाख़ोरी में जुटी हुई है, लेकिन झूठ बोल कर लोगों को बेवक़ूफ़ तो मत समझिये।

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भारत में कैसे तय होती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें?

जून 2010 तक सरकार पेट्रोल की कीमत निर्धारित करती थी और हर 15 दिन में इसे बदला जाता था। 26 जून 2010 के बाद सरकार ने पेट्रोल की कीमतों का निर्धारण ऑयल कंपनियों के ऊपर छोड़ दिया। इसी तरह अक्टूबर 2014 तक डीजल की कीमत भी सरकार निर्धारित करती थी। 19 अक्टूबर 2014 से सरकार ने ये काम भी ऑयल कंपनियों को सौंप दिया। अभी ऑयल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमत, एक्सचेंज रेट, टैक्स, पेट्रोल-डीजल के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च और बाकी कई चीजों को ध्यान में रखते हुए रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमत निर्धारित करती हैं।

 


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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।