मोदी सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चलाया, नए काले कानून के खिलाफ लड़ने को प्रतिबद्ध: सोनिया

मोदी सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चलाया, नए काले कानून के खिलाफ लड़ने को प्रतिबद्ध: सोनिया

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  • Publish Date - December 20, 2025 / 03:59 PM IST,
    Updated On - December 20, 2025 / 03:59 PM IST

नयी दिल्ली, 20 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक’ संसद से पारित होने के बाद शनिवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया है और करोड़ों किसानों, श्रमिकों एवं भूमिहीन ग्रामीण वर्ग के गरीबों के हितों पर हमला किया है।

उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी नए “काले कानून” के खिलाफ लड़ाई को प्रतिबद्ध हैं।

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक वीडियो संदेश में कहा, “मुझे आज भी याद है, 20 साल पहले डॉ. मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री थे, तब संसद में मनरेगा कानून आम राय से पास किया गया था। यह ऐसा क्रांतिकारी कदम था, जिसका फायदा करोड़ों ग्रामीण परिवारों को मिला था। खासतौर पर वंचित, शोषित, गरीब और अतिगरीब लोगों के लिए रोजी-रोटी का जरिया बना।”

उन्होंने कहा, “रोजगार के लिए अपनी माटी, अपना गांव, अपना घर-परिवार छोड़कर पलायन करने पर रोक लगी। रोजगार का कानूनी हक दिया गया, साथ ही ग्राम पंचायतों को ताकत मिली। मनरेगा के जरिए महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपनों के भारत की ओर एक ठोस कदम उठाया गया।”

उन्होंने दावा किया कि पिछले 11 साल में मोदी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार, गरीबों और वंचितों के हितों को नजरअंदाज कर मनरेगा को कमजोर करने की हर कोशिश की, जबकि कोविड के वक़्त ये गरीब वर्ग के लिए संजीवनी साबित हुआ।

सोनिया गांधी ने कहा, ‘बहुत अफसोस की बात है कि अभी हाल में सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया। न सिर्फ महात्मा गांधी का नाम हटाया गया, बल्कि मनरेगा का रूप-स्वरूप बिना विचार-विमर्श किए, बिना किसी से सलाह-मशवरा किए, बिना विपक्ष को विश्वास में लिए मनमाने ढंग से बदल दिया गया।’

उनका कहना है, ‘अब किसको, कितना, कहां और किस तरह रोजगार मिलेगा, यह जमीनी हकीकत से दूर दिल्ली में बैठकर सरकार तय करेगी।’

सोनिया गांधी ने कहा, ‘कांग्रेस का मनरेगा को लाने और लागू करने में बड़ा योगदान था, लेकिन यह पार्टी से जुड़ा मामला कभी नहीं था। ये देशहित और जनहित से जुड़ी योजना थी। मोदी सरकार ने इस कानून को कमजोर करके देश के करोड़ों किसानों, श्रमिकों और भूमिहीन ग्रामीण वर्ग के गरीबों के हितों पर हमला किया है।’

सोनिया गांधी ने कहा, ‘इस हमले का मुकाबला करने के लिए हम सब तैयार हैं। 20 साल पहले अपने गरीब भाई-बहनों को रोजगार का अधिकार दिलवाने के लिए मैं भी लड़ी थी, आज भी इस काले कानून के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हूं। ‘

उन्होंने कहा, ‘मेरे जैसे कांग्रेस के सभी नेता और लाखों कार्यकर्ता आपके साथ खड़े हैं।’

भाषा हक प्रशांत

प्रशांत