अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर काल्पनिक दुनिया में है मोदी सरकार: कांग्रेस

अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर काल्पनिक दुनिया में है मोदी सरकार: कांग्रेस

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  • Publish Date - August 1, 2025 / 11:36 AM IST,
    Updated On - August 1, 2025 / 11:36 AM IST

नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था को पूरी तरह तबाह कर दिया है लेकिन वह अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर काल्पनिक दुनिया में जी रही है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप उस वक्त लगाया जब एक दिन पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया था कि अर्थव्यवस्था बर्बाद हो चुकी है।

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ पिछले एक दशक में, मोदी सरकार द्वारा दिए गए गए पांच झटकों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से तबाह कर दिया है। इसके लिए किसी और को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।’’

उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी ने हमारी विकास गति को पूरी तरह से बाधित कर दिया और करोड़ों भारतीय नागरिकों की आजीविका को तबाह कर दिया।’

रमेश ने यह दावा भी किया, ‘एक बुनियादी रूप से दोषपूर्ण जीएसटी ने देश भर के हज़ारों व्यावसायिक उद्यमों पर कहर बरपाया है, सिवाय उन बड़ी कंपनियों के जो जीएसटी अनुपालन से जुड़ी लागत वहन कर सकती हैं।’

उनके मुताबिक, चीन से रिकॉर्ड आयात के कारण देश भर में लाखों एमएसएमई बंद हो गए हैं, अकेले गुजरात में स्टेनलेस स्टील उद्योग के लगभग एक तिहाई एमएसएमई ने अपना परिचालन बंद कर दिया है।

उन्होंने कहा, ‘निजी निवेश ने 2004-14 के दौरान दिखाई गई तेज़ी खो दी है। भारतीय उद्योगपति लगातार बढ़ रहे अनुपात में दूसरे देशों की नागरिकता ले रहे हैं। राजनीति से प्रेरित और जबरन वसूली करने वाले छापामार राज और मोदानी के बढ़ते प्रभाव ने भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास को कम किया है।’

कांग्रेस नेता का कहना है, ‘ पिछले दशक में सभी क्षेत्रों और वर्गों में अधिकतर भारतीय नागरिकों की मज़दूरी स्थिर रही है। ग्रामीण भारत में यह विशेष रूप से सच है। घरेलू बचत में तेज़ी से गिरावट आई है, ठीक उसी तरह जैसे घरेलू कर्ज़ में भारी वृद्धि हुई है।’

रमेश ने दावा किया कि निजी उपभोग कमज़ोर पड़ रहा है, जबकि विलासिता की वस्तुओं की खपत में कोई कमी नहीं आई है, जो स्पष्ट रूप से बढ़ती आर्थिक असमानताओं की ओर इशारा करता है।

उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार और उसकी जयकारा मंडली एक काल्पनिक दुनिया में जी रहे हैं। वे अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति को स्वीकारने में कंजूसी बरत रहे हैं।’

भाषा हक योगेश शोभना

शोभना