सर्विकल कैंसर रोधी टीकों के लिए वैश्विक निविदा में भाग लेने की इच्छुक एमएसडी फार्मा कंपनी |

सर्विकल कैंसर रोधी टीकों के लिए वैश्विक निविदा में भाग लेने की इच्छुक एमएसडी फार्मा कंपनी

सर्विकल कैंसर रोधी टीकों के लिए वैश्विक निविदा में भाग लेने की इच्छुक एमएसडी फार्मा कंपनी

:   Modified Date:  February 15, 2023 / 06:46 PM IST, Published Date : February 15, 2023/6:46 pm IST

नयी दिल्ली, 15 फरवरी (भाषा) एमएसडी फार्मास्युटिकल्स सर्विकल कैंसर से निपटने के लिए लगाए जाने वाले एचपीवी रोधी टीकों की खरीद के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अप्रैल में जारी की जाने वाली वैश्विक निविदा में भाग लेने की इच्छुक है। इन टीकों से 9 से 14 साल की लड़कियों का टीकाकरण किया जाना है।

एमएसडी फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड ‘मर्क शार्प’ और ‘डोहमी’ (अमेरिका और कनाडा में ‘मर्क’ और ‘को इंक’ के नाम से जानी जाने वाली फर्म) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो भारत में अपने ह्यूमन पेपिलोमा वायरस संक्रमण (एचपीवी) टीके ‘गार्डेसिल 4’ बेचती है। फिलहाल इसकी कीमत 3,927 रुपये प्रति खुराक है।

कंपनी ने 2021 में देश में अपना पहला लैंगिक रूप से निरपेक्ष एचपीवी टीका ‘गार्डेसिल 9’ लॉन्च किया था। भारत में फिलहाल इसकी कीमत 10,850 रुपये प्रति खुराक है।

कंपनी ने ‘पीटीआई-भाषा’ के एक सवाल के जवाब में कहा, “एचपीवी स्त्री और पुरूष, दोनों को प्रभावित करता है, उन्नत गार्डेसिल 9 वैक्सीन की शुरुआत हमारे देश में एक गैर-लिंग आधारित एचपीवी टीके लाने की हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। इससे भारतीय लड़कियों, महिलाओं और लड़कों के बीच एचपीवी से संबंधित कुछ बीमारियों से निपटा जा सकता है। एमएसडी भारत में निवारक स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देना जारी रखेगा।”

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जून से चरणबद्ध तरीके से सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत सर्विकल कैंसर के खिलाफ एचपीवी वैक्सीन लगाना शुरू कर सकता है। 2026 तक 16.02 करोड़ खुराक खरीदने के लिए अप्रैल में एक वैश्विक निविदा जारी किए जाने की संभावना है।

कंपनी ने एक सवाल के जवाब में कहा, “यदि भारत सरकार वैश्विक निविदा जारी करती है तो हम टीकाकरण कार्यक्रम पर काम करने के इच्छुक होंगे। हम कई राज्य सरकारों के साथ मातृ स्वास्थ्य, कैंसर जैसे अन्य प्रमुख क्षेत्रों में भी काम कर रहे हैं और इसी तरह व्यापक टीकाकरण योजना के तहत एचपीवी टीके प्रदान करने में सहयोग कर सकते हैं।”

भाषा जोहेब नरेश

नरेश

 

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