नई दिल्ली। राजनीति में रूचि रखने वाले ज्यादातर लोग मुलायम सिंह यादव को एक प्रखर समाजवादी नेता के रुप में जानते है। लेकिन समाजवादी नेता से इतर वे एक पहलवान के रुप में खासे पहचाने जाते है। पहलवानी बैक ग्राउंड से ताल्लुक रखने वाले मुलायम जब राजनीति में आए तो उन्होंने कई बार अपने प्रतिद्वंदियों को चारो खाने चित्त कर दिया। तो आईए जानते है मुलायम सिंह यादव के जीवन से जुड़े कुछ अहम किस्से के बारें में …
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उत्तरप्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में जन्में मुलायम सिंह यादव एक किसान परिवार से तालुक रखते थे। 5 भाई-बहनों में मुलायम सिंह यादव दूसरे नंबर पर और शिवपाल सिंह यादव उनके छोटे भाई हैं। मुलायम सिंह सियासी अखाड़े में कूदने से पहले जाने-माने बॉडी बिल्डर थे। उनके समर्थक उन्हें पहलवान कह कर पुकारा करते थे। नेता जी के नाम से मशहूर मुलायम सिंह बचपन में पहलवानी करते थे। बचपन से ही नेता जी को पहलवानी पसंद थी। वह अपने समय के बड़े-बड़े नामी पहलवानों को आसानी से चित कर देते थे। ऐसा कहा जाता है कि कुश्ती में मुलायम सिंह का सबसे प्रिय दांव ‘चरखा’ था। बाद में उन्होंने राजनीति में भी धोबी पछाड़ दांव से कई दिग्गजों को चित किया।
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बताया जाता है कि सैफई के पास करहल में कुश्ती में उनका मुकाबला इलाके के सबसे बड़े पहलवान सरयूदीन त्रिपाठी से हुआ। सरयूदीन कद में काफी लंबे थे जबकि मुलायम सिंह का कद उनके मुकाबले काफी छोटा था।जब कुश्ती शुरू हुई तो वह सरयूदीन को चित कर दिया. मुकाबले को देखने के लिए जसवंत नगर के विधायक नत्थू सिंह भी मौजूद थे। नत्थू सिंह मुलायम से खुश होकर उनके साथ हाथ जोड़ लिए।
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1977 में मुलायम सिंह पहली बार यूपी सरकार में मंत्री बने. वह 1989 से 1991, 1993 से 1995 और 2003 से 2007 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। मुलायम सिंह एक जून 1996 से 19 मार्च 1998 तक एचडी देवगौड़ा की सरकार में देश के रक्षा मंत्री भी रहे। मुलायम सिंह विधानसभा, विधान परिषद और लोकसभा के सदस्य भी रहे। मौजूदा समय में वे यूपी की मैनपुरी से सांसद थे। वह सात बार लोकसभा सांसद चुने गए थे। मुलायम सिंह ही ऐसे नेता हैं जो 55 साल के राजनीतिक करियर में 9 बार विधायक और 7 बार सांसद चुने गए। जब पूरे देश में मोदी लहर चल कही थी तो उन्होंने आजमगढ़ और मैनपुरी दोनों लोकसभा सीट से जीत दर्ज की।