नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के नवीनतम आंकड़ों से पता चला है कि भारत में 2023 में हत्या के 27,721 मामले दर्ज किए गए जो 2022 की तुलना में 2.8 प्रतिशत कम है जबकि इसी अवधि में अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अपराधों में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि साइबर अपराधों में 31.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वर्ष 2023 में साइबर अपराधों के 86,420 मामले दर्ज किए गए थे जबकि 2022 में 65,893 मामले दर्ज किए गए थे। अपराधों और प्रवृत्तियों के राष्ट्रीय रिकॉर्ड रखने वाले राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने खुलासा किया कि 2022 में भारत में हत्या के 28,522 मामले दर्ज किए गए, जो 2023 में घटकर 27,721 रह गए, यानी 2.8 प्रतिशत की गिरावट हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘2023 के दौरान हत्या के सबसे ज़्यादा मामलों का कारण ‘विवाद’ (9,209 मामले) था, इसके बाद ‘व्यक्तिगत प्रतिशोध या दुश्मनी’ (3,458 मामले) और ‘लाभ’ के 1,890 मामले थे।’’
अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अपराधों में 28.8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो 2022 में 10,064 मामलों से बढ़कर 2023 में 12,960 हो गई।
इस श्रेणी में कुल अपराध दर भी 2022 में 9.6 से बढ़कर 2023 में 12.4 हो गई।
एनसीआरबी के अनुसार, 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार अपराध दर प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध के मामले हैं।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘महानगरों के लिए अपराध दर की गणना 2011 की वास्तविक जनगणना के आधार पर की गई है। साधारण चोट से संबंधित मामले कुल मामलों का 21.3 प्रतिशत हैं, इसके बाद दंगों के 1707 मामले हैं, जो कुल प्राथमिकियों का 13.2 प्रतिशत हैं और बलात्कार के 1189 मामले हैं जो कुल संख्या का 9.2 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि साइबर अपराध की दर 4.8 प्रतिशत से बढ़कर 6.2 प्रतिशत हो गई।
रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 0.4 प्रतिशत की मामूली वृद्धि देखी गई, जो 2022 में 4.45 लाख मामलों से बढ़कर 2023 में 4,48,211 मामले हो गए।
भाषा शोभना वैभव
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