नीट-एसएस 2021: न्यायालय परीक्षा प्रारूप में “आखिरी समय” बदलाव के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करेगा

नीट-एसएस 2021: न्यायालय परीक्षा प्रारूप में “आखिरी समय” बदलाव के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करेगा

नीट-एसएस 2021: न्यायालय परीक्षा प्रारूप में “आखिरी समय” बदलाव के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करेगा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:37 pm IST
Published Date: September 20, 2021 6:35 pm IST

नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय आगामी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा – अति विशिष्टता (नीट-एसएस) 2021 के लिए परीक्षा पैटर्न में कथित रूप से “अंतिम समय” में किए गए परिवर्तनों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सोमवार को सहमत हो गया। परीक्षा नवंबर में होनी है।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने 41 स्नातकोत्तर डॉक्टरों की याचिका पर केंद्र, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को नोटिस जारी किये और उनसे जवाब मांगा है।

इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 27 सितंबर तय करते हुए शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं को अपने लिखित प्रतिवेदन का संक्षिप्त नोट देने की भी इजाजत दे दी है।

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याचिकाकर्ता देश भर से स्नातकोत्तर डॉक्टर हैं और नीट-एसएस 2021 को पास करके अति विशिष्टता धारण करने की इच्छा रखते हैं। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि परीक्षा की तारीखों की घोषणा 23 जुलाई को की गई थी, लेकिन बदले हुए प्रारूप को 31 अगस्त को सार्वजनिक किया गया था।

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि नीट-एसएस 2021 की परीक्षाएं 13-14 नवंबर को होनी हैं और शैक्षिक मामलों में यह स्पष्ट तौर पर तय सिद्धांत है कि एक बार कैलेंडर (परीक्षा कार्यक्रमों) की घोषणा हो जाने के बाद परीक्षा योजना (प्रारूप) में बदलाव का कोई सवाल ही नहीं है।

अधिवक्ता जावेदुर रहमान के माध्यम से दायर याचिका में एनबीई द्वारा अधिसूचित और एनएमसी द्वारा अनुमोदित 31 अगस्त के सूचना बुलेटिन में निहित नीट-एसएस 2021 की परीक्षा योजना को रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में इसे “अवैध” बताते हुए किसी कानूनी अधिकार के बगैर किया गया बताया गया है।

इसमें कहा गया, “मौजूदा/पूर्व के प्रारूप के अनुसार 40 अंक मूल विषय से आते थे और 60 अंक उम्मीदवार द्वारा चुने गए दो वैकल्पिक पाठ्यक्रमों के सवालों के होते थे। यह बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि उम्मीदवार स्वयं अपनी रुचि के क्षेत्रों का चयन करेगा और न केवल इसका सैद्धांतिक ज्ञान प्राप्त करेंगे बल्कि इसका व्यावहारिक ज्ञान भी लेंगे।”

याचिका में दावा किया गया है कि सूचना बुलेटिन के मुताबिक प्रवेश परीक्षा को “पूरी तरह से बदल दिया” गया और एनबीई ने कहा है कि परीक्षा “स्नातकोत्तर की निकास परीक्षा के स्तर” की होगी।

इसमें कहा गया, “ऐसे में विभिन्न व्यापक विशेषज्ञता के स्नातकोत्तर एकल अति-विशिष्टता परीक्षा में उपस्थित हो सकेंगे।”

भाषा

प्रशांत अनूप

अनूप


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