सावरकर पर नई किताब जुलाई में पाठकों के लिये होगी उपलब्ध

सावरकर पर नई किताब जुलाई में पाठकों के लिये होगी उपलब्ध

सावरकर पर नई किताब जुलाई में पाठकों के लिये होगी उपलब्ध
Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 pm IST
Published Date: May 28, 2021 11:12 am IST

नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) वीर सावरकर के जीवन और कृतित्व पर इतिहासकार विक्रम संपत की किताब का अंतिम खंड 26 जुलाई को पाठकों के लिये उपलब्ध होगा। हिंदुत्व विचारक की 138वीं जयंती के अवसर पर शुक्रवार को प्रकाशक पेंग्विन रैंडम हाउस इंडिया ने यह घोषणा की।

“सावरकर : ए कंटेस्टेड लेगेसी (1924-1966)” में 20वीं सदी के सबसे विवादास्पद राजनीतिक विचारक के 1924 से 1966 (जब उनका निधन हुआ) तक के जीवनकाल की घटनाओं को समेटा गया है।

पहला खंड “सावरकर: इकोज फ्रॉम ए फॉरगॉटन पास्ट” 2019 में प्रकाशित हुई थी जिसमें 1883 में सावरकर के जन्म से लेकर 1924 में जेल से उनकी सशर्त रिहाई तक का घटनाक्रम शामिल था।

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महाराष्ट्र में नासिक के निकट भागुर गांव में 28 मई 1883 को जन्मे विनायक दामोदर सावरकर अपनी हिंदुत्ववादी विचारधारा की वजह से अब भी सम्मानित शख्सियत बने हुए हैं, खासकर उन दलों और संगठनों के लिये जो हिंदुत्व के विचारों को मानते हैं।

संपत ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “मैं बीते पांच सालों से सावरकर के जीवन-काल पर व्यापक रूप से शोध कर रहा हूं। यह एक फलदायी सफर रहा, भारत और दुनिया के अन्य अभिलेखागारों से अब तक अप्राप्य दस्तावेजों और मराठी व अन्य भारतीय भाषाओं में उनके काम का पता लगाना।”

उन्होंने कहा, “..पहले खंड के प्रकाशन के बाद मुझे पाठकों का से प्यार और गर्मजोशी मिली वह भावविभोर कर देने वाला है और मुझे उम्मीद है कि यह अंतिम खंड भी उन्हें पसंद आएगा और विश्लेषण के लिये समाज के सामने सही तथ्यों को पेश करेगा।”

अपनी मौत के दशकों बाद भी हिंदू महासभा के पूर्व अध्यक्ष सावरकर ने भारतीय राजनीतिक परिदृश्य को विशिष्ट तरीके से प्रभावित करना जारी रखा है।

भाषा

प्रशांत दिलीप

दिलीप


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