Next Vice President of India: कौन होगा भारत का अगला उपराष्ट्रपति? मोदी-नीतीश कुमार के करीबी का नाम आ रहा सामने, जानिए कौन हैं वो शख्स

Next Vice President of India: कौन होगा भारत का अगल उपराष्ट्रपति? मोदी-नीतीश कुमार के करीबी का नाम आ रहा सामने, जानिए कौन हैं वो शख्स

Next Vice President of India: कौन होगा भारत का अगला उपराष्ट्रपति? मोदी-नीतीश कुमार के करीबी का नाम आ रहा सामने, जानिए कौन हैं वो शख्स

Next Vice President of India: कौन होगा भारत का अगल उपराष्ट्रपति? मोदी-नीतीश कुमार के करीबी का नाम आ रहा सामने / Image Source: Sansad TV

Modified Date: July 22, 2025 / 09:53 am IST
Published Date: July 22, 2025 9:53 am IST
HIGHLIGHTS
  • जल्द होगा नए उपराष्ट्रपति का चुनाव
  • हरिवंश नारायण सिंह बन सकते हैं NDA के संभावित उम्मीदवार
  • उपराष्ट्रपति पद के लिए न्यूनतम योग्यता: भारतीय नागरिकता, 35 वर्ष की आयु और राज्यसभा सदस्य

नई दिल्लीः Next Vice President of India जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए चुनाव ‘‘जल्द से जल्द’’ कराना होगा। संविधान के अनुच्छेद 68 के खंड दो के अनुसार, उपराष्ट्रपति की मृत्यु, इस्तीफे या उन्हें पद से हटाए जाने या अन्य किसी कारण से होने वाली रिक्ति को भरने के लिए चुनाव, रिक्ति होने के बाद ‘यथाशीघ्र’ आयोजित किया जाएगा। रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति ‘अपने पदभार ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष की अवधि तक’ पद धारण करने का हकदार होगा। संविधान में इस पर कुछ नहीं कहा गया है कि उपराष्ट्रपति की मृत्यु या उनके कार्यकाल की समाप्ति से पहले त्यागपत्र देने की स्थिति में, या जब उपराष्ट्रपति भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते हैं, तो उनके कर्तव्यों का निर्वहन कौन करेगा। उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है। उनका कार्यकाल पांच वर्ष का होता है, लेकिन कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद, वह तब तक पद पर बने रह सकते हैं, जब तक कि उनका उत्तराधिकारी पद ग्रहण न कर ले।

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Next Vice President of India संविधान में एकमात्र प्रावधान उपराष्ट्रपति के राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्य के संबंध में है, जो रिक्ति की अवधि के दौरान उपसभापति या भारत के राष्ट्रपति द्वारा अधिकृत राज्यसभा के किसी अन्य सदस्य द्वारा किया जाता है। उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति को त्यागपत्र सौंपकर अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। इस्तीफा त्यागपत्र स्वीकार होने के दिन से प्रभावी हो जाता है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति (उपराष्ट्रपति होने के नाते राज्यसभा के सभापति का पद धारण करते हैं) होते हैं और कोई अन्य लाभ का पद धारण नहीं करते हैं।

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किसी भी अवधि के दौरान जब उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते हैं या उसके कार्यों का निर्वहन करते हैं, तो वह राज्यसभा के सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन नहीं करते हैं और राज्यसभा के सभापति को देय किसी भी वेतन या भत्ते के हकदार नहीं होते हैं। संविधान के अनुच्छेद 66 के मुताबिक, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बने निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से किया जाता है।

उपराष्ट्रपति के रूप में कौन निर्वाचित हो सकता है

कोई व्यक्ति उपराष्ट्रपति के रूप में तब तक निर्वाचित नहीं हो सकता जब तक कि वह भारत का नागरिक न हो; 35 वर्ष की आयु पूरी न कर चुका हो, तथा राज्यसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित होने के लिए योग्य न हो। वह व्यक्ति भी पात्र नहीं है, जो भारत सरकार या राज्य सरकार या किसी अधीनस्थ स्थानीय प्राधिकरण के अधीन कोई लाभ का पद धारण करता हो।

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उपराष्ट्रपति पद के लिए नेताओं की दौड़ शुरू

दूसरी ओर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक पद से इस्तीफा देने से उनके उत्तराधिकारी की दौड़ शुरू हो गई है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को निर्वाचक मंडल में बहुमत प्राप्त है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं। आगामी दिनों में संभावित नामों पर विचार किए जाने की संभावना है। भाजपा के पास इस पद पर चुनने के लिए नेताओं का एक बड़ा समूह है। राज्यपालों में से या संगठन के अनुभवी नेताओं अथवा केंद्रीय मंत्रियों में से किसी का चुनाव किया जा सकता है। धनखड़ भी उपराष्ट्रपति बनने से पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। धनखड़ के पूर्ववर्ती एम वेंकैया नायडू थे। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में थे। पार्टी ने 2017 में उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना था। नायडू भाजपा के अध्यक्ष भी रहे।

भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘हम अभी इस पर विचार कर रहे हैं, लेकिन मेरा मानना है कि पार्टी किसी ऐसे व्यक्ति को चुनेगी, जो ठोस विकल्प हो और जिस पर कोई विवाद न हो।’ उन्होंने कहा कि पार्टी का कोई अनुभवी व्यक्ति पसंदीदा विकल्प हो सकता है। जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह को भी संभावित उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि वह 2020 से इस पद पर कार्यरत हैं और उन्हें सरकार का विश्वास प्राप्त है।

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धनखड़ के तीन साल के कार्यकाल में राज्यसभा में विपक्षी दलों के साथ उनकी लगातार तकरार हुई, लेकिन अक्सर विवादास्पद मुद्दों पर उनकी तीखी टिप्पणियों ने सरकार को भी कई बार असहज किया। धनखड़ ने सोमवार शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे अपने त्यागपत्र में धनखड़ ने कहा कि वह ‘‘स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने’’ के लिए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं। धनखड़ (74) ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पदभार संभाला था और उनका कार्यकाल 2027 तक था।

हरिवंश नारायण सिंह का राजनीतिक सफर

हरिवंश नारायण सिंह का जन्म 30 जून 1956 को बलिया, उत्तर प्रदेश में हुआ। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा प्राप्त किया। वह लंबे समय तक पत्रकारिता में सक्रिय रहे और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के मीडिया सलाहकार भी रहे। 2014 में जेडीयू ने उन्हें राज्यसभा भेजा और 2018 में वे राज्यसभा के उपसभापति बनाए गए। वे जेपी आंदोलन से भी जुड़े रहे हैं, जिससे उनकी छवि एक साफ और विचारधारा वाले नेता की बनी है।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

"दीपक दिल्लीवार, एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 10 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट से की थी, जहां उन्होंने राजनीति, खेल, ऑटो, मनोरंजन टेक और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें राजनीति, खेल, मनोरंजगन, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी काफी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदार रिपोर्ट पेश की है। दीपक दिल्लीवार, पिछले 5 साल से IBC24 न्यूज पोर्टल पर लीडर के तौर पर काम कर रहे हैं। इन्हें अपनी डेडिकेशन और अलर्टनेस के लिए जाना जाता है। इसी की वजह से वो पाठकों के लिए विश्वसनीय जानकारी के सोर्स बने हुए हैं। वो, निष्पक्ष, एनालिसिस बेस्ड और मजेदार समीक्षा देते हैं, जिससे इनकी फॉलोवर की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। काम के इतर बात करें, तो दीपक दिल्लीवार को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है। वो हेल्दी वर्क लाइफ बैलेंस करने में यकीन रखते हैं।"