एनजीटी ने निर्देशों का पालन नहीं करने पर हरियाणा सरकार पर 10,000 रुपये जुर्माना लगाया
एनजीटी ने निर्देशों का पालन नहीं करने पर हरियाणा सरकार पर 10,000 रुपये जुर्माना लगाया
नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उसके निर्देशों के बाद भी गुरुग्राम जिले के रिठोज गांव में अवैध खनन पर रिपोर्ट दाखिल नहीं करने को लेकर हरियाणा सरकार पर 10,000 रुपये जुर्माना लगाया है।
अधिकरण एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें दावा किया गया है कि गांव में अवैध खनन के कारण जलस्तर एव हरियाली घट गयी है तथा जलाशयों को नुकसान पहुंचा है।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि अधिकरण ने पहले एक समिति बनायी थी जिसने अपनी रिपोर्ट में अवैध खनन से प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की बात मानी थी।
न्यायमूर्ति श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति सेंथिल वेल की पीठ ने कहा कि संबंधित प्रशासन ने अवैध खनन की बात मान लेने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की।
उसके बाद अधिकरण ने आगे की कार्रवाई रिपोर्ट मांगी थी।
पीठ ने कहा कि पांच जनवरी को अधिकरण ने समिति को गंभीर तरीके से रिपोर्ट नहीं देने की स्थिति में ‘कड़ी कार्रवाई’ की चेतावनी दी थी।
एक महीने बाद दूसरी रिपोर्ट पर विचार करते हुए अधिकरण ने कहा था कि अवैध खनन के जारी रहने के बाद भी प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।
पीठ ने कहा कि अधिकरण ने आठ फरवरी को अपने आदेश में कहा था कि प्रशासन का आचरण इस विषय पर उसकी ‘पंगुता’ को दर्शाता है और यह ‘जनविश्वास सिद्धांत’ के बिल्कुल विपरीत है।
एनजीटी ने हरियाणा के मुख्य सचिव को भी इस विषय पर व्यक्तिगत रूप से गौर करने तथा एक महीने में कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने के अलावा उपचारात्मक कदम उठाने को कहा था।
जब 22 अगस्त को यह मामला अधिकरण के सामने सूचीबद्ध किया गया तब उसने रिपोर्ट पर गौर करने के बाद पाया कि अवैध खनन को नियंत्रित करने के लिए की गयी कार्रवाई में ‘गुणात्मक बातें नहीं बतायी गयी हैं।’
अधिकरण ने राज्य प्रशासन से तीन महीने के बाद रिपोर्ट मांगी।
बृहस्पतिवार को हरित पैनल ने अपने आदेश में कहा, ‘‘ तीन महीने बीत जाने के बाद भी कोई रिपोर्ट दाखिल नहीं की गयी।..’’
मामले की अगली सुनवाई नौ फरवरी को होगी।
भाषा राजकुमार माधव
माधव

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