एनजीटी ने कचरा प्रबंधन के निर्देशों के अनपालन के लिए समय बढ़ाने की मांग खारिज की

एनजीटी ने कचरा प्रबंधन के निर्देशों के अनपालन के लिए समय बढ़ाने की मांग खारिज की

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  • Publish Date - December 17, 2020 / 10:53 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:59 PM IST

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा)राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने मध्य प्रदेश सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें कोविड-19 के कारण कचरा प्रबंधन के निर्देशों के अनुपालन के लिए समय बढ़ाने की मांग की गई थी।

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि प्राधिकरण ने जो समयसीमा निर्धारित की है उसमें काम संभव है।

प्राधिकरण ने कहा कि हालांकि इस महामारी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, लेकिन पहले ही इसे ध्यान में रखते हुए मुआवजा वसूलने की समयसीमा एक अप्रैल, 2020 से एक जुलाई, 2021 तक कर दी है और तीन महीने का समय ठोस प्रबंधन के निर्देशों पर लागू होगा।

न्यायमूर्ति एस के सिंह की पीठ ने कहा,‘‘उन्हें जल (प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974, वायु (रोकथाम एवं प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम, 1981 और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 और उच्चतम न्यायालय के तहत बनाए गए नियमों और बाध्यकारी निर्देशों के तहत निर्धारित कानून के शासनादेश को लागू करना है।”

उन्होंने कहा, ‘‘प्राधिकरण के पास समय बढ़ाने या उन गतिविधियों की अनुमति देने का कोई क्षेत्राधिकार नहीं है जो देश के कानून के तहत अपराध हैं और उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवमानना भी करते हैं।”

एनजीटी ने कहा कि पहले दिया गया विस्तार केवल मुआवजे की वसूली के बलपूर्वक उपाय करने के लिए है ।

एनजीटी ने यह भी निर्देश दिया कि उल्लंघन करने वालों से वसूले गए मुआवजे को अब राज्यों/केंद्र के पर्यावरण विभाग के साथ अलग खाते में जमा किया जाए, जिसे पर्यावरण राहत के लिए खर्च किया जाए।

भाषा शुभांशि नरेश

नरेश