नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने 2022 में केरल के पलक्कड़ में आरएसएस के नेता श्रीनिवासन की हत्या से जुड़े मामले में ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ के 17 सदस्यों को जमानत दिए जाने के खिलाफ दायर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की याचिकाओं पर विचार करने से बुधवार को इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह ने कहा कि आरोपियों को जमानत दिए जाने का केरल उच्च न्यायालय का आदेश डेढ़ साल पुराना है और उच्च न्यायालय के पास शर्तों का उल्लंघन होने पर जमानत रद्द करने की शक्ति है।
पीठ ने कहा, “उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि याचिकाकर्ताओं को जमानत के खिलाफ विशेष अदालत में आवेदन करने की स्वतंत्रता है। इसलिए, याचिकाकर्ता इन याचिकाओं में दिए गए आधारों पर जमानत रद्द कराने के लिए कभी भी विशेष अदालत में आवेदन कर सकते हैं। वास्तव में विशेष अदालत अधिक उपयुक्त अदालत होगी।’
पीठ ने कहा, ‘इसलिए, इस स्तर पर हम विशेष अनुमति याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर रहे हैं और याचिकाकर्ताओं को जमानत के खिलाफ विशेष अदालत/उच्च न्यायालय का रुख करने की स्वतंत्रता देते हैं। ”
केरल उच्च न्यायालय ने 25 जून, 2024 को पीएफआई के 17 आरोपी सदस्यों को जमानत दे दी थी। 26 आरोपियों में से 17 को जमानत देते हुए उच्च न्यायालय ने कड़ी शर्तें लगाई थीं, जिनमें जांच अधिकारी से मोबाइल फोन नंबर और जीपीएस लोकेशन साझा करना शामिल है।
भाषा
जोहेब मनीषा
मनीषा
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