Big decision for students returned from Ukraine: नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध का खामियाजा वहां पढ़ रहे बच्चों के भुगतना पड़ रहा है। इसमें से कई बच्चे भारत के भी अध्यनरत थे। लेकिन युद्ध के चलते वे सब पढ़ाई को छोड़कर वापस भारत लौटना पड़ा था। देश वापस आने के बाद छात्रों के सामने सिर्फ एक सवाल था कि अब आगे की पढ़ाई का क्या होगा। लेकिन अब इन छात्रों के लिए एएमसी का ये फैसला बड़ी राहत लेकर आया है।
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Big decision for students returned from Ukraine: यूक्रेन से लौटे भारतीय मेडिकल छात्रों को अब दुनिया के किसी भी देश की यूनिवर्सिटी से अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने की अनुमति होगी। बता दें कि विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए है। बता दें कि एनएमसी ने यूक्रेन द्वारा पेश किए गए एकेडमिक मोबलिटी प्रोग्राम को मान्यता देने के लिए सहमती दे दी है। हालांकि इन छात्रों को यूक्रेन की मूल यूनवर्सिटी से ही डिग्री प्रदान की जाएगी।
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Big decision for students returned from Ukraine: नेशनल मेडिकल कमीशन की ओर से कहा गया है कि यूक्रेन सरकार की ओर से अपने विश्वविद्यालयों के लिए तैयार किए गए एकेडमिक मोबिलिटी प्रोग्राम को विदेश मंत्रालय भारत सरकार के साथ विमर्श के आधार पर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की ओर से अनापत्ति जारी कर दी गई है। इसके तहत यूक्रेन के विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे मेडिकल छात्रों को उनकी पढ़ाई पूरी करने के लिए तात्कालिक आधार पर री-लोकेट किया जा सकेगा।
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Big decision for students returned from Ukraine: इसके तहत यूक्रेन में पंजीकृत भारतीय मेडिकल स्टूडेंट दुनियाभर के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय में प्रवेश लेकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं। हालांकि, पढ़ाई पूरी होने के बाद ऐसे विद्यार्थियों को डिग्री उनकी मूल यूनिवर्सिटी की ओर से ही दी जानी चाहिए। नेशनल मेडिकल कमीशन ने अधिसूचना में आगे कहा कि आयोग इस संबंध में एकेडमिक मोबिलिटी प्रोग्राम को नो ऑब्जेक्शन जारी करता है। साथ ही यूक्रेन में पढ़ रहे भारतीय छात्रों और संस्थानों और दूतावास को भी इस संबंध में अवगत कराया जा रहा है।
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Big decision for students returned from Ukraine: हालांकि, नेशनल मेडिकल कमीशन ने यह स्पष्ट किया है कि ऐसे सभी भारतीय छात्रों को भारत में अपनी आगे की मेडिकल पढ़ाई और मेडिकल क्लीनिकल प्रैक्टिस के लिए स्क्रीनिंग परीक्षा अर्थात फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में भाग लेने और उसे क्वालीफाई करने संबंधित सभी मानदंडों को पूरा करना होगा। बता दें कि विदेश से मेडिकल स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले सभी उम्मीदवारों को भारत में आगे पढ़ने, नौकरी करने या क्लीनिक व अस्पताल खोलने या प्रैक्टिस करने के लिए एफएमजीई क्वालीफाई करना जरूरी होता है।
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