2002 के गोधरा दंगे को पूर्व-नियोजित घटना बताने के समर्थन में पुख्ता तथ्य नहीं : न्यायालय |

2002 के गोधरा दंगे को पूर्व-नियोजित घटना बताने के समर्थन में पुख्ता तथ्य नहीं : न्यायालय

2002 के गोधरा दंगे को पूर्व-नियोजित घटना बताने के समर्थन में पुख्ता तथ्य नहीं : न्यायालय

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:59 PM IST, Published Date : June 24, 2022/6:46 pm IST

नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि इन दलीलों के समर्थन में पुख्ता आधार उपलब्ध नहीं हैं कि 2002 के गोधरा दंगों को गुजरात में सर्वोच्च स्तर पर रची गई आपराधिक साजिश के कारण पूर्व-नियोजित घटना कहा जाए।

न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार की पीठ ने कहा, ‘‘अपीलकर्ता की दलील का समर्थन करने के लिए तथ्य उपलब्ध नहीं हैं। इन दलीलों के समर्थन में कोई मूर्त सामग्री उपलब्ध नहीं है कि 27 फरवरी, 2002 को सामने आई गोधरा की घटना और इसके बाद की घटनाएं, राज्य में उच्चतम स्तर पर रची गयी आपराधिक साजिश के तहत पूर्व नियोजित घटना थीं।

शीर्ष अदालत ने कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आरोप खारिज करने के लिए राय बनाने से पहले अधिकारियों सहित सभी संबंधित व्यक्तियों के बयान दर्ज किए थे, जैसा कि अंतिम रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है।

पीठ ने यह भी कहा कि निष्क्रियता या अनुत्तरदायी प्रशासन, राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा आपराधिक साजिश रचने का अनुमान लगाने का आधार नहीं हो सकता है। इसने कहा, “मजिस्ट्रेट और साथ ही, उच्च न्यायालय ने एसआईटी द्वारा प्रस्तुत अंतिम रिपोर्ट को स्वीकार करने में कोई त्रुटि नहीं की।’’

इसने कहा, ‘‘अल्पसंख्यक समुदाय को लक्षित करके राज्य भर में सामूहिक हिंसा का कारण बनने के लिए आपराधिक साजिश रचने में नामित व्यक्तियों की संलिप्तता को लेकर स्पष्ट और प्रत्यक्ष सामग्री का अभाव है।’’

शीर्ष अदालत ने राज्य में 2002 के दंगों में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और 63 अन्य को एसआईटी की क्लीन चिट को बरकरार रखते हुए यह टिप्पणी की और मारे गए कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की पत्नी जकिया की याचिका को खारिज कर दिया, जिन्होंने एक बड़ी साजिश का आरोप लगाया था।

जांच को फिर से शुरू करने के प्रयास से पर्दा हटाते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि जांच के दौरान एकत्र की गई सामग्री मुसलमानों के खिलाफ सामूहिक हिंसा के लिए उच्चतम स्तर पर एक बड़ी आपराधिक साजिश रचने के संबंध में मजबूत या गंभीर संदेह को जन्म नहीं देती है।

भाषा

सुरेश नरेश

नरेश

 

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