निमिषा प्रिया को तत्काल कोई खतरा नहीं, बातचीत जारी : उच्चतम न्यायालय को सूचित किया गया

निमिषा प्रिया को तत्काल कोई खतरा नहीं, बातचीत जारी : उच्चतम न्यायालय को सूचित किया गया

निमिषा प्रिया को तत्काल कोई खतरा नहीं, बातचीत जारी : उच्चतम न्यायालय को सूचित किया गया
Modified Date: August 14, 2025 / 01:50 pm IST
Published Date: August 14, 2025 1:50 pm IST

नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय को बृहस्पतिवार को सूचित किया गया कि यमन में हत्या के आरोप में मौत की सजा पाने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को ‘‘तत्काल कोई खतरा नहीं’’ है।

इसके बाद न्यायालय ने मामले को आठ सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

प्रिया को कानूनी सहयोग दे रहे याचिकाकर्ता संगठन ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ के वकील ने न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ से मामले को स्थगित करने का अनुरोध किया।

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शीर्ष अदालत उस याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें केंद्र को केरल के पलक्कड़ की 38 वर्षीय नर्स को बचाने के लिए राजनयिक माध्यमों का उपयोग करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। निमिषा प्रिया को 2017 में अपने यमनी कारोबारी साथी की हत्या का दोषी ठहराया गया था।

वकील ने कहा, ‘‘बातचीत चल रही है। फिलहाल कोई तत्काल खतरा नहीं है। कृपया इसे चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दें। उम्मीद है कि उस समय तक सब कुछ ठीक हो जाएगा।’’

इस पर पीठ ने कहा, ‘‘इस मामले को आठ सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया जाए।’’

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अगर कोई आवश्यकता हुई तो वह शीर्ष अदालत के समक्ष मामले का उल्लेख करेंगे।

शीर्ष अदालत को पिछले महीने अवगत कराया गया था कि 16 जुलाई को होने वाली प्रिया की फांसी पर रोक लगा दी गई है।

केंद्र ने 18 जुलाई को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि प्रयास जारी हैं और सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है कि प्रिया सुरक्षित रहे।

याचिकाकर्ता संगठन ने अनुरोध किया कि बातचीत के लिए मृतक यमनी नागरिक के परिवार से मिलने के लिए यमन जाने के लिए केंद्र एक प्रतिनिधमंडल नियुक्त करे।

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता सरकार को अभ्यावेदन दे सकता है।

याचिकाकर्ता के वकील ने पहले कहा था कि प्रिया की मां पीड़ित परिवार के साथ बातचीत करने के लिए यमन में थीं और वह वहां गई हैं क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र से उन्हें यात्रा की अनुमति देने के लिए कहा था।

प्रिया को 2017 में दोषी ठहराया गया, 2020 में मौत की सजा सुनाई गई और 2023 में उसकी अंतिम अपील खारिज कर दी गई।

वह यमन की राजधानी सना की एक जेल में कैद है।

याचिकाकर्ता के वकील ने पहले शीर्ष अदालत को बताया था कि शरिया कानून के तहत मृतक के परिवार को ‘ब्लड मनी’ (हत्या के अपराध को माफ करने के बदले पैसा ) देने की संभावना को तलाशा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर ब्लड मनी का भुगतान किया जाए तो पीड़ित परिवार प्रिया को माफ कर सकता है।

भारत ने 17 जुलाई कहा था कि वह मामले में ‘‘परस्पर स्वीकार्य समाधान’’ तक पहुंचने के प्रयासों के तहत यमनी अधिकारियों के साथ-साथ कुछ मित्र देशों के संपर्क में है।

यमनी अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, प्रिया ने जुलाई 2017 में तलाल अब्दो महदी को कथित तौर पर नशीला पदार्थ खिलाकर उसकी हत्या कर दी थी।

भाषा

गोला मनीषा

मनीषा


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